कोरोना ने रुलाया, अब घर पहुंच कर योगी सरकार पोंछ रही आंसू; मजदूर की विधवा को सौंपी जमीन की वरासत
उत्तर प्रदेश के फीरोजाबाद शहर के द्वारकापुरी मुहल्ले में शीला देवी गुरुवार दोपहर अपनी घर-गृहस्थी में जुटी थीं। अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई। तहसीलदार और लेखपाल को दरवाजे पर देख शीला देवी एकबारगी समझ नहीं पाईं। तहसीलदार ने उन्हें एक कागज सौंपा। शीला देवी ने पूछा- ये क्या है। तहसीलदार ने बताया कि उनके पति के नाम एक बीघा जमीन है। उनके निधन के बाद ये जमीन उनके नाम हो गई है, ये कागज उसी की खतौनी है। शीला की आंखें नम हो गईं। बोलीं, अब आप ही मेरे सबकुछ हो। इस पर अधिकारियों ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के आश्रितों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि विधवा या विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में जमीन की तत्काल वरासत दर्ज कराई जाए और खतौनी उनके घर जाकर उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए मृत भूमिधर की विधवा से किसी आवेदन पत्र की अनिवार्यता नहीं है।
शीला देवी के पति गौरीशंकर मजदूर थे। परिवार में नौ वर्षीय बेटा है। कोरोना संक्रमण से गौरीशंकर का 24 मई को निधन हो गया। गौरीशंकर के नाम एक बीघा जमीन है। गुरुवार को तहसीलदार सदर डॉ. संत राज सिंह और लेखपाल नेपाल सिंह इसकी खतौनी लेकर ही शीला देवी के यहां पहुंचे। विधवा को ये भी नहीं पता था कि खतौनी क्या होती है। तहसीलदार ने बताया कि पति के नाम से जो जमीन थी। वह उसके और उनके बेटे के नाम कर दी गई है। खतौनी एक तरीके से इसका प्रमाण पत्र है। उन्होंने किसान सम्मान योजना और विधवा पेंशन का लाभ भी दिलाने का आश्वासन दिया।
ये भी मिलेगा लाभ : सत्यापन के दौरान पड़ताल की जा रही है कि मृतक की पत्नी या मां विधवा या वृद्धा पेंशन की पात्र हैं या नहीं। उनकी कोई बेटी शादी के योग्य है या नहीं। ऐसा होने पर उन्हें भी पेंशन एवं अनुदान योजना का लाभ दिलाने के लिए आवेदन कराया गया है।
जिले में कोरोना से मृत 135 लोगों का सत्यापन : एडीएम आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में कोरोना से मृत 135 लोगों का सत्यापन कराया गया। इसमें 104 भूमिहीन पाए गए। बाकी 31 की वरासत दर्ज कर खतौनी उनके आश्रित के घर जाकर वितरित की जा रही है। भूमिहीनों को कृषि योग्य जमीन के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है।