इकोनामी में अभी बनी रहेगी मांग की समस्या, 9.5 फीसद की ग्रोथ के बावजूद रहेगी कई कमजोरी: RBI

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कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश की इकोनामी में तेजी से सुधार हो रहा है और तेजी से वैक्सीनेशन होने के बाद स्थिति और बेहतर हो सकती है। लेकिन पिछले डेढ़ वर्षो के हालात की वजह से मांग पर जो असर पड़ा है उसमें सुधार आने में अभी वक्त लगेगा। यह बात आरबीआइ ने गुरुवार को जारी इकोनामी पर अपनी मासिक रिपोर्ट में कही है।

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसद की ग्रोथ रेट हासिल करने के संकेतों के बावजूद देश की इकोनामी में कई तरह की कमजोरियां हैं, जो बनी रहेंगी। खासतौर पर मांग की स्थिति में बेहतरी के लिए अभी और इतंजार करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में अच्छा संकेत यह है कि इसमें महंगाई की स्थिति को लेकर बहुत चिंता नहीं जताई गई है।

मई-जून, 2021 में महंगाई की दर के निर्धारित स्तर से उपर रहने को रिजर्व बैंक ने इस रिपोर्ट में खास तवज्जो नहीं दी है। बैंक ने वर्ष के अंत तक इसे छह फीसद से नीचे आने की बात कही है। रिपोर्ट में यह भी संकेत है कि ऊंची महंगाई के बावजूद केंद्रीय बैंक अभी ब्याज दरों को बढ़ाने का समर्थन नहीं करेगा।केंद्रीय बैंक की यह रिपोर्ट देश में मांग की स्थिति पर विस्तृत प्रकाश डालती है।

टीकाकरण में वृद्धि होने की वजह से आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियों के और बढ़ने के आसार हैं। लेकिन मांग कब तक तेज होगी, इसको लेकर अभी अनिश्चितता है। रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का वित्तीय स्वास्थ्य पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुआ है। पिछले के मुकाबले चालू वित्त वर्ष बैंकों के लिए अपेक्षाकृत बेहतर है।

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