Friendship Day 2020: ये हैं दोस्ती पर बनी 10 बेहतरीन फिल्में, देखते ही खुश हो जाएगा दिल
एक अच्छे दोस्त की परिभाषा हर किसी के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। लेकिन हर कोई चाहता है कि उसका दोस्त ऐसा है जो हर बुरे वक्त में उसके साथ खड़ा रहे। बॉलीवुड में भी कई फिल्में दोस्ती पर बनी है। कुछ फिल्में तो इतनी लाजवाब हैं जिनकी हमेशा चर्चा होती है। आने वाली 2 अगस्त को भारत में फ्रेंडशिप डे मनाया जाएगा। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं 10 ऐसी नई फिल्मों के बारे में जिसे आप अपने दोस्तों के साथ देखकर लुत्फ उठा सकते हैं।
दिल चाहता है
2001 में रिलीज हुई फरहान अख्तर निर्देशित यह फिल्म अपने समय से आगे की फिल्म मानी जाती है। फिल्म का कैनवास दोस्तों के सपनों के साथ उनके आंतरिक टकरावों पर भी फोकस करता है। फिल्म दिखाती है कि विचारों में अंतर होने के बाद भी यह दोस्त एक-दूसरे का नजरिया समझने का प्रयास करते हैं। अपना खुद का नजरिया पीछे करके। इस फिल्म में तीन दोस्तों की भूमिका आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय खन्ना ने निभाई थी।
काई पो चे
दोस्ती की फिल्मों में अभिषेक कपूर निर्देशित काई पो चे दोस्ती में सपनों के साथ उनके टकरावों की कहानी भी कहती है। लेकिन यह टकराव कहीं भी इतने बड़े नहीं होते कि वह पूरी दोस्ती को प्रभावित कर दें। यहां तीन दोस्त अलग-अलग सोच वाले होते हैं। फिल्म में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह और राजकुमार राव और अमित साद ने मुख्य भूमिका निभाई।
जिंदगी न मिलेगी दोबारा
जिंदगी मिलेगी न दोबारा दोस्ती की कहानी कुछ अलग ढंग से कहती है। कहीं-कहीं दार्शनिक हो गई यह फिल्म जीवन में दोस्ती के महत्व को अंडरलाइन करती हुई चलती है। यह फिल्म बताती है कि जीवन में खुद से बात से करना, अपने सपनों से बात करना और अपने दोस्तों से बात करना कितना जरूरी है। फिल्म में फरहान अख्तर, ऋतिक रोशन और अभय देओल ने मुख्य भूमिका में हैं।
रंग दे बसंती
राकेश ओमप्रकाश मेहरा निर्देशित यह फिल्म भी दोस्ती की कहानी को शानदार तरीके से कहती है। देशप्रेम और दोस्ती के पुट के साथ। दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच छात्र अपनी सामाजिक जवाबदेही निभाते हुए किस तरह से देश की सुर्खियों बन जाते हैं, यह फिल्म इसी विषय पर फोकस करती है। आजादी के बैकग्राउंड से जोड़कर बनाई गई यह एक अद्भुत फिल्म है। अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक वर्ग से आने वाले यह दोस्त एक सपने के साथ आगे बढ़ते हैं और टीम बनाकर उसे पूरा करते हैं। आमिर खान की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में शरमन जोशी, माधवन, सिद्धार्थ और अतुल कुलकर्णी ने प्रमुख भूमिका निभाई।
थ्री इडियट्स
दोस्ती और विचारधारा के बदलाव की उम्दा कहानी कहती है थ्री इडियट्स। राजकुमार हिरानी निर्देशित इस फिल्म में एक बार फिर आमिर खान केंद्रीय भूमिका में होते हैं। उनके साथ काम करने वाले कलाकारों की जोड़ी भी रंग दे बसंती वाली होती है। इंजीनियरिंग कॉलेज के बैकग्राउंड पर बनीं यह फिल्म शिक्षा पद्घति पर बदलावों पर खुला विमर्श करती है। इस फिल्म में तीन दोस्त तीन अलग-अलग तरह की मानसिकताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी विचारधारा को शिक्षा और रोजगार से जोड़कर देखा जाता है।
मुन्ना भाई एमबीबीएस
मुन्ना भाई रिश्तों पर गढ़ी एक बेहतरीन फिल्म है। सर्किट हर दुख मुसीबत में अपने दोस्त मुन्ना के साथ खड़ा रहता है। जब मुन्ना सुधरने की कोशिश करता है तो सर्किट उसका साथ देता है। वक्त और हालत से जूझकर मुन्ना और सर्किट की दोस्ती लोगों को कई अच्छे संदेश देती है। राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी ये एक शानदार फिल्म है।
रॉक ऑन
चार दोस्तों की इस कहानी में दोस्ती में प्यार, तकरार सब है। एक बैंड बनाने को लेकर चारों दोस्त अपनी नौकरी और काम से समय निकालकर म्यूजिक को अपनी जिंदगी बनाते हैं लेकिन परिवार और गलतफहमियों के चलते अलग हो जाते हैं। लेकिन दोस्तों का साथ ही उन्हें अपने जिंदगी के पैशन से मिलाता है। फरहान अख्तर, अर्जुन रामपाल जैसे एक्टर्स इस फिल्म को और खूबसूरत बनाते हैं।
जाने तू या जाने ना
ये पांच कॉलेज के दोस्तों की कहानी है। कब दोस्ती प्यार में बदल जाती है पता नहीं चल पाता। आखिर कब और कैसे महसूस हो कि प्यार हो गया है। इस धागे-सी भी पतली कहानी को आधार बनाकर निर्देशक और लेखक अब्बास टायरवाला ने एक बेहतरीन फिल्म बनाई। फिल्म में इमरान खान, जेनेलिया, मंजरी, अयाज़ खान, करण माखीजा, सुगंधा गर्ग, निराव मेहता, अनुराधा पटेल, रत्ना पाठक शाह जैसे कलाकार नजर आए।
कोई मिल गया
दोस्ती पर आधारित फिल्म कोई मिल गया ने कई अवॉर्ड्स जीते। इस फिल्म ने दोस्ती के दायरे बढ़ाकर दुनिया के दूसरे छोर से आए एलियन को सच्चा दोस्त बना दिया। ये फिल्म ऐसे लड़के की कहानी थी जिसकी उम्र तो बढ़ती है लेकिन उसका दिमाग नहीं बढ़ता लेकिन फिर वो भी जानता है कि दोस्ते के असल मायने क्या है। फिल्म में ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा और रेखा जैसे कलाकार थे।
रॉकफोर्ड
इस फिल्म को बहुत ही कम लोगों ने देखा होगा, लेकिन इस फिल्म में शंकर एहसान लॉय के गाने बहूत प्रचलित हुए थे। फिल्म में एक टीचर और स्टूडेंट की दोस्ती दिखाई गई है और ये समझाया गया है कि दोस्ती उम्र की मोहताज नहीं। ‘यारों दोस्ती बड़ी ही हसीं है…’ गाना कॉलेज के स्टूडेंट्स में बहुत लोकप्रिय है।