Russia Ukraine War: अमेरिका का दावा, चेरनोबिल न्यूक्लियर साइट से हट रही है रूसी सेना, धमाके की आशंका को लेकर यूक्रेन ने रखी थी मांग

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रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जारी जंग के कुछ कम होने के आसार नजर आ रहे हैं। मंगलवार को इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए हुई शांति वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच की तल्खी थोड़ी कम होती दिखी थी। जिसके बाद अब अमेरिका ने दावा किया है कि रूसी सेना ने चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा स्थल से बाहर निकलना शुरू कर दिया है।

चेरनोबिल में बड़ी तादाद में परमाणू वेस्ट संग्रहीत

रूस द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के पहले ही दिन रूसी सैनिकों ने चेरनोबिल साइट पर कब्जा कर लिया था। यहां अभी भी बड़ी तादाद में परमाणू वेस्ट संग्रहीत है। रूस और यूक्रेन के युद्ध की शुरूआत 24 फरवरी को हुई थी। अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि रूस ने चेरनोबिल से अपने सैनिकों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। वो यहां से हट कर बेलारूस के ओर जा रहे हैं। अमेरिका ने रूस के चेरनोबिल से रूस के स्थानांनतरण की पुष्टी की है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि रूसी सेना ने चेरनोबिल से अपना कब्जा पूरी तरह समाप्त कर दिया है।

रूस ने जापोरिज्जिया पर भी किया कब्जा

रूसी सैनिकों ने पिछली चार मार्च को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जापोरिज्जिया पर भी कब्जा कर लिया था। वहां गोलाबारी से एक प्रशिक्षण सुविधा में आग लगने की खबर भी सामने आई थी। संयुक्त राष्ट्र के परमाणु प्रहरी प्रमुख राफेल ग्रासी ने बुधवार को दक्षिण यूक्रेन परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा किया। क्योंकि रूस द्वारा जारी सैन्य कार्रवाई के बीच परमाणु दुर्घटना को लेकर आशंका जताई गई थी।

यूक्रेन में सक्रिय हैं चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र

गौरतलब है कि यूक्रेन में चार सक्रिय परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 15 रिएक्टर हैं। साथ ही चेरनोबिल सहित परमाणु कचरे के भंडार हैं। यह जगह 1986 में दुनिया की सबसे खराब परमाणु आपदा का स्थल। वहीं बुधवार को यूक्रेन की उप प्रधान मंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा था कि निष्क्रिय चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर गोला-बारूद के विस्फोट का खतरा है। जिसके चलते संयंत्र पर कब्जा करने वाले रूसी सेना को वहां से बाहर निकल जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन और रूस के बीच मंगलवार को हुई शांती वार्ता में युद्ध के कारण सबसे अधिक प्रभावित शहरों और गांवों में 97 मानवीय गलियारों की स्थापना की अनुमति देने के लिए भी कहा था।

 

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