पहाड़ से लेकर मैदान तक बढ़ी तपिश, देहरादून समेत कई मैदानी क्षेत्रों में तापमान 35 डिग्री के आसपास
उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और तापमान सामान्य से कई डिग्री सेल्सियस अधिक है। जिससे पहाड़ से लेकर मैदान तक गर्मी बढ़ रही है। देहरादून समेत कई मैदानी क्षेत्रों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन मौसम में किसी प्रकार का बदलाव न होने की संभावना जताई है।
मार्च में उत्तराखंड के ज्यादातर जिले सूखे रहे
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रवाह के कमजोर पडऩे के कारण इस बार मार्च में उत्तराखंड के ज्यादातर जिले सूखे रहे। वहीं, तापमान भी रिकार्ड बनाने की ओर बढ़ रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा। अगले तीन दिन ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। अधिकतर स्थानों का तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस अधिक बना रह सकता है।
विभिन्न शहरों का तापमान
शहर – अधिकतम – न्यूनतम
देहरादून – 35.4 – 16.7
उत्तरकाशी – 32.2 – 15.7
मसूरी – 24.4 – 12.9
टिहरी – 25.6 – 13.7
हरिद्वार – 35.0 – 18.0
जोशीमठ – 26.1 – 11.3
पिथौरागढ़ – 27.2 – 10.0
मुक्तेश्वर – 25.7 -11.3
नैनीताल – 24.6 – 11.2
यूएसनगर – 34.4 – 16.0
रुड़की में 37 डिग्री पहुंचा दिन का तापमान
रुड़की में दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। तापमान चढऩे से मौसम में गर्मी का असर भी बढ़ गया है। इसके साथ ही शहरवासियों की परेशानियां भी बढ़ गई हैैं। वहीं, मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तीन अप्रैल तक मौसम इसी प्रकार का बना रहेगा।
शहर और आसपास के क्षेत्रों में मौसम के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। बुधवार को सुबह से ही मौसम साफ रहा और धूप खिल गई। सुबह 10 बजते ही धूप तीखी हो गई। वहीं शहर का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जोकि सामान्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
जबकि, न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार तीन अप्रैल तक उत्तर-पश्चिम दिशा से छह-दस किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
साथ ही मौसम साफ रहेगा और तेज धूप खिलेगी। ऐसे में किसान खेतों में खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।