सरकार ने जाइडस कैडिला की कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की एक करोड़ डोज खरीदने के आर्डर दिए, जानें इसके मायने

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सरकार ने जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) की कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन ‘जाइकोव-डी’ (ZyCoV-D) की एक करोड़ खुराक खरीदने के आर्डर दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि इस खरीद के साथ ही तीन खुराक वाला यह टीका कोरोना वायरस के खिलाफ जारी राष्‍ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल हो जाएगा। सरकार के इस कदम से साफ है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया की पहली डीएनए-आधारित कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन (ZyCoV-D) को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है।

जाइकोव-डी (ZyCoV-D) देश में ही बना पहला ऐसा टीका है जिसे औषधि नियामक की ओर से 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी गई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दिए जाने की संभावना है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने बताया कि ऐसा कंपनी की सीमित उत्पादन क्षमता की वजह से हुआ है।

आधिकारिक सूत्रों की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक सरकार जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी (ZyCoV-D) वैक्‍सीन की एक करोड़ डोज का आर्डर दे चुकी है। इस वैक्‍सीन की एक डोज की कीमत टैक्‍स को छोड़कर करीब 358 रुपये है। इस खर्च में जेट एप्लीकेटर की कीमत 93 रुपये भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इसी एप्‍लीकेट की मदद से वैक्‍सीन की खुराक दी जाएगी।

हालांकि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जाइडस कैडिला हर महीने जाइकोव-डी की एक करोड़ खुराक मुहैया कराने में सक्षम है। बता दें कि इस वैक्‍सीन की तीन खुराके 28 दिनों के अंतर पर दी जाएंगी। भारत में विकसित की गई यह दुनिया की पहली कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन है जो डीएनए-आधारित एवं सुई-रहित है। देश के औषधि नियामक ने 20 अगस्त को जाइकोव-डी के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। मालूम हो कि सरकार अभी कोवैक्सीन को 215 रुपये प्रति डोज जबकि कोविशील्ड को 205 रुपये प्रति डोज के हिसाब से खरीद रही है।

 

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