फिरौती लेने के बाद कर दी जाती हत्या, कपकोट ब्लॉक का है मुख्य साजिशकर्ता

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 फिरौती मिलने के बाद भी अपहरणकर्ता बच्चों के जीवन को नुकसान पहुंचा सकते थे। बड़े शहरों व पेशेवर अपराधियों से सीख लेकर जिस शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम दिया गया, वह यही संकेत दे रहा है। जिला पुलिस कार्यालय में पूछताछ के दौरान अपहरणकर्ताओं की मंशा भी साफ नजर आई। उन्होंने मोटी रकम ऐंठने को सुनियोजित तरीके से दोनों बच्चों को पीटकर स्वजनों को दबाव में ले लिया था। एक बच्चे एटीएम छीन २५ हजार रुपये निकालने के बाद स्वजनों से छोटी किस्तों में ही सही, रंगदारी वसूलनी शुरू भी कर दी थी।

पर्वतीय जिलों में अब तक की सबसे सनसनीखेत व पहली वारदात में लिप्त पांच अपहरणकर्ताओं में से विशाल आगरी, विकास पांडे व कमल आर्या ऊधम सिंह नगर में ही रहते हैं। विशाल मूल रूप से झिरौली बागेश्वर का रहने वाला है। मुख्य साजिशकर्ता नीरज टाकुली व मोहित टाकुली कपकोट ब्लॉक के ही सूपी गांव से हैं। रातों रात अमीर बनने की चाहत ने उन्हें पहले मादक पदार्थों की तस्करी में धकेला। धन भूख बढ़ी तो अपहरण की साजिश रच डाली। सूत्र बताते हैं कि बीती बुधवार को पांचों एक वाहन खरीदने के सिलसिले में कपकोट पहुंचे थे। सौदा महंगा होने पर गांसी के दोनों बच्चों को अगवा कर स्वजनों से फिरौती मांगी। उन्हें उम्मीद थी कि दोनों परिवारों से मोटी रंगदारी मिल जाएगी। नीरज टाकुली ने दिल्ली में रहने वाले कृष्णा के बड़े भाई तारा सिंह को खाता नंबर देकर उससे भी रंगदारी मांगी। डरे सहमे तारा ने २० हजार रुपये भेज भी दिए। इससे अपहरणकर्ता दबाव बढ़ाने लगे। स्वजनों को फिरौती की रकम जुटाने को मजबूर करने के लिए बच्चों को बेरहमी से पीटा गया।

इसलिए बढ़ा बच्चों की जान को खतरा 

मुख्य साजिशकर्ता नीरज टाकुली व मोहित टाकुली कपकोट ब्लॉक से ही हैं। कुछ दूर गांसी गांव के बच्चों का अपहरण व रंगदारी के लिए धमकाने के बाद अपहरणकर्ताओं का दिमाग बदल गया था। सूत्रों की मानें तो फिरौती लेने के बाद अगर वह बच्चों को छोड़ देते तो शिनाख्त तय थी। बच्चे उन्हें आसानी से पहचान लेते। लिहाजा अपहरणकर्ताओं ने फिरौती मिलने के बाद भी बच्चों को जिंदा न छोडऩे का मन बना लिया था।

सीएम धामी भी रखे रहे नजर

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने मोटी रकम वसूलने के मकसद से वारदात की। बच्चों के साथ मारपीट भी की। त्वरित कार्रवाई न होती तो वह बच्चों को मार डालते। इसलिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का फोकस बच्चों की सकुशल बरामदगी पर रहा। उसी के अनुरूप पुलिस ने रणनीति बनाई।

 

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