उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माहभर के कार्यकाल में ही महत्वपूर्ण फैसले लेकर छोड़ी छाप
सरकार के मुखिया के कामकाज के आकलन को महीनेभर की अवधि भले ही बहुत अधिक नहीं है, लेकिन बदली परिस्थितियों में कमान संभालने वाले युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इतने कम वक्फे में ही चुनौतियों से जूझने का दम दिखाया है। राज्य बनने के बाद से बेलगाम नौकरशाही को साधने के लिए कम समय में धामी ने सर्वाधिक साहसिक फैसले लिए। सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की राह तैयार की गई तो कोरोना काल में बुरी तरह जख्मी पर्यटन कारोबार को 200 करोड़ का राहत पैकेज देकर मरहम लगाया गया है। साथ ही कोविड-19 को परास्त करने की जंग में जुटे कोरोना योद्धाओं को 205 करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज देना सरकार का अहम कदम है।
प्रदेश की भाजपा सरकार में दूसरी बार हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद चार जुलाई को खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बुधवार को एक माह का कार्यकाल पूरा करने जा रहे मुख्यमंत्री धामी ने इस वक्फे में महत्वपूर्ण निर्णय लेकर यह संकेत दे दिए कि राज्य की दशा और दिशा को लेकर उनका विजन स्पष्ट है। यह उनकी कार्यशैली में नजर भी आया है। फिर चाहे वह नौकरशाही पर लगाम कसने की बात हो या फिर युवाओं के लिए रोजगार की चिंता सभी में मुख्यमंत्री ने मुस्तैदी से कदम बढ़ाए हैं।
भाजपा के लिए चुनौती बने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड और भू-कानून के मामले में भी धामी ने उच्च स्तरीय समितियों के गठन का एलान कर तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। इसके अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण फैसलों के जरिये भी मुख्यमंत्री धामी ने छाप छोड़ी है। यही नहीं, भाजपा जिस सोच के साथ युवा नेतृत्व को आगे लाई, उसके अनुरूप मुख्यमंत्री धामी खुद को साबित भी कर रहे हैं।