हम नहीं सुधरे तो महामारी की तीसरी लहर में हालात होंगे बेकाबू

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कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर हर तरफ संशय का माहौल है। देश की वरिष्ठ वैज्ञानिक और माइक्रो बायोलॉजिस्ट प्रो. गगनदीप कंग का कहना है कि अगर मौजूदा हालात नहीं बदले या हम नहीं सुधरे तो कोरोना महामारी की तीसरी लहर पहाड़ी की चोटी की तरह हो सकती है, जो दूसरी लहर में चोटी के एक कोने जैसी थी।

प्रो. गगनदीप कंग ने स्पष्ट कहा कि तीसरी लहर में संक्रमण की स्थिति को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। कोई भी ये पता नहीं लगा सकता है कि आने वाले समय में वायरस कब म्यूटेट कर लेगा और कब घातक रूप धारण कर लेगा।

केरल में संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर उन्होंने कहा कि केरल की आलोचना करना गलत है। सोशल मीडिया पर केरल को कोसा जा रहा है, हकीकत ये है कि टीकाकरण की कम दर और स्थानीय स्तर पर बरती जाने वाली लापरवाही के कारण वायरस फिर से पनप रहा है।

उन्होंने कहा कि केरल में संक्रमण की दर बकरीद से पहले भी बढ़ रही थी। इससे सबक लेते हुए दूसरे राज्य सावधानी बरतें नहीं वायरस किसी को नहीं बख्शेगा।

हर राज्य पाबंदियों से थक चुके हैं
प्रो. कंग ने कहा कि केरल ही नहीं देश के दूसरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पाबंदियां लगाकर थक चुके हैं। राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों पर लोगों का भी राज्य को खोलने का दबाव है लेकिन ये सही वक्त नहीं है।

वायरस के नए रूप से ही खतरा
आईआईटी हैदराबाद और कानपुर के विशेषज्ञों ने मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर कहा है कि वायरस के नए रूप से ही खतरा है। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. मणिंद्र अग्रवाल का कहना है कि राहत ये है कि अब तक किसी नए म्यूटेशन के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

नए मामलों की संख्या इसलिए भी कम हुई है क्योंकि बीते सोमवार को देश में कोरोना की संक्रमण दर में करीब एक फीसदी की कमी आई है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पिछले एक दिन में 30,549 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। जबकि इससे कहीं ज्यादा 38887 मरीजों को स्वस्थ घोषित किया गया है।

इनके अलावा पिछले एक दिन में 422 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ ही रिकवरी दर 97.38 फीसदी दर्ज की गई है। वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 4,04,958 दर्ज की गई है। फिलहाल कुल मामलों की तुलना में सक्रिय मामले 1.28 फीसदी हैं।

केरल में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ीं, संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि…केरल गई उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक जिन जिलों में लॉकडाउन लगाया गया, वहां पहला सप्ताह बेअसर रहा है। कुछ जिलों में संक्रमण दर 17 फीसदी से भी अधिक मिल रही है। समिति ने कंटेनमेंट जोन, बफर जोन, में बेहतर कार्य करने की सलाह दी है।

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