मेक इन इंडिया कार्यक्रम: सरकार और श्रमिक यूनियन के बीच अब हर सप्ताह होगी बातचीत

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मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मैन्यूफैक्च¨रग को गति प्रदान करने के लिए सरकार और श्रमिक यूनियनें अब लगातार संवाद करेंगी। इससे ना केवल कारोबार के अनुकूल औद्योगिक माहौल तैयार हो सकेगा बल्कि औद्योगिक उत्पादन में आने वाले सभी प्रकार के व्यवधान को दूर किया जा सकेगा। इस दिशा में नए केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने हर शुक्रवार को श्रमिक यूनियन के साथ सीधा संवाद करने का फैसला किया है।

सूत्रों के अनुसार पिछले हफ्ते मंत्री ने हर यूनियन से मुलाकात और चर्चा पूरी कर ली। शुक्रवार से श्रमिक यूनियन के साथ संवाद करने का साप्ताहिक काम भी शुरू कर दिया गया है जो अब प्रत्येक शुक्रवार को किया जाएगा। पिछले शुक्रवार को इंटक, सीटू, बीएमएस जैसे कई श्रमिक यूनियन के साथ श्रम मंत्री ने संवाद किया। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की समस्या के साथ औद्योगिक गतिविधियों की जानकारी के लिए श्रमिक यूनियन के साथ संवाद कायम करने का सिलसिला शुरू किया गया है।

संवाद होने से श्रमिक यूनियन भी सरकार के नजरिये को पहले से जान रही होती है जिससे नीतिगत फैसले को लेकर कोई विवाद उत्पन्न नहीं होता है। श्रम मंत्रालय आने वाले महीनों में लेबर कोड (श्रम संहिता) से लेकर प्रवासी मजदूरों के पोर्टल एवं सेवा क्षेत्र के दिहाड़ी श्रमिकों की भलाई संबंधी कई फैसले लेने की तैयारी में है।

श्रम संहिता को इस साल अप्रैल से ही लागू किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वैसे ही, प्रवासी मजदूरों के पंजीयन के लिए पोर्टल शुरू करने की भी तैयारी फिर से जोर पकड़ने लगी है। मंत्रालय सेवा क्षेत्र में काम करने वाले दिहाड़ी श्रमिकों की भलाई के लिए ठोस योजना बनाने पर भी गंभीर रूप से विचार कर रहा है। इस दिशा में भी जल्द ही फैसला हो सकता है।

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