16 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहे शक्तिशाली सौर तूफान पर एरीज के विज्ञानियों की नजर
सूर्य से आ रहा भू-चुंबकीय सौर तूफान किसी भी समय पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंच सकता है। 16 लाख किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहे सौर तूफान पर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के विज्ञानियों की निगाहें भी जमीं हैं।
एरीज के वरिष्ठ सौर विज्ञानी डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि पिछले कुछ समय से सूर्य सक्रिय हो चला है। जिसके चलते सूर्य से बड़ी फ्लेयर, सौरकलंक व सौर तूफान उठने शुरू हो गए हैं। अब एक और जी-1 श्रेणी का तूफान सक्रिय हुआ है जिसके मंगलवार व बुधवार तक पृथ्वी के धु्रवीय क्षेत्र में आने की संभावना बनी हुई है। एरीज के विज्ञानी इस पर नजर बनाए हुए हैं।
नेटवर्क व सैटेलाइट पर पड़ सकता है असर
मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को एरीज स्थित सोलर टेलीस्कोप को कम समय के लिए खोला जा सका। इस सौर तूफान से मोबाइल सिग्नल, जीपीएस नेटवर्क व सैटेलाइट पर भी नुकसान की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा ध्रुवीय इलाकों में खूबसूरत औरोरा यानी नॉर्दर्न लाइट पैदा कर सकता है। यह नजारे स्वीडन, अलास्का व नार्वे आदि देशों में देखने को मिल सकते हैं।
सौर तूफाने आने की वजह
सूर्य के वातावरण में एक होल बन गया है, जिससे आवेशित कण और तेज गति वाली सौर हवाएं निकल रही हैं। तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा यह तूफान 13 जुलाई से 14 जुलाई (मंगलवार से बुधवार) के बीच ग्रह के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है। 16 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही इन हवाओं की गति बढ़ भी सकती है।