एसटीएच में मारपीट का मामला : जूनियर डॉक्टरों की होगी काउंसलिंग, एचओडी रखेंगे निगरानी

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डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में आए दिन हो रहे हंगामे से मेडिकल कॉलेज की छवि प्रभावित हो रही है। इसे कॉलेज प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। अस्पताल में हंगामा न हो, इसके लिए कॉलेज प्रशासन अब जूनियर डाक्टरों की नियमित काउंसलिंग कराएगा। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि एमबीबीएस के अलावा पीजी करने वाले डाक्टरों की काउंसलिंग की जाएगी। विभागाध्यक्ष पीजी करने वाले डाक्टरों पर निगरानी रखेंगे। ताकि भविष्य में किसी तरह की घटना न हो। इसके साथ ही हॉस्टल में भी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए वार्डन को सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

मारपीट प्रकरण पर गठित हुई जांच कमेटी

एसटीएच में 12 जुलाई की रात डाक्टरों व तीमारदारों के बीच हुई मारपीट के प्रकरण में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। जांच कमेटी मेडिसिन विभाग के डा. एसआर सक्सेना की अध्यक्षता में गठित हुई है। इसमें नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जीएस तितियाल व ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. शहजाद सदस्य हैं।

आइएमए ने की घटना की निंदा

आइएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. डीसी पंत ने कहा कि अस्पताल में मारपीट की घटना निंदनीय है। इलाज में बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर इलाज को लेकर किसी को दिक्कत थी तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की जा सकती थी। आए दिन अस्पताल के अंदर अराजकता व मारपीट से माहौल खराब हो रहा है।

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