आईएमए की चेतावनी: तीसरी लहर करीब, सरकार धार्मिक यात्राओं पर फिलहाल लगाए रोक, लोग भी बरतें सावधानी

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आइएमए के अध्यक्ष डा. जेए जयलाल ने कहा कि डाक्टर दूसरी लहर से निपटकर तुरंत बाहर निकले हैं। ऐसे समय में देश के कई हिस्सों में सरकार के प्रतिनिधि व आम लोग बचाव के नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं और सामूहिक समारोहों में शामिल हो रहे हैं। पर्यटन व धार्मिक यात्राओं जैसे आयोजनों से होने वाला आर्थिक नुकसान कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान व दुष्परिणाम से कम है। इसलिए यह सबकी जिम्मेदारी है कि बचाव के नियमों का ठीक से पालन करें और अभी ऐसा कोई आयोजन न करें, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा हो। इसके अलावा लोगों के घर के नजदीक टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

पर्यटन व धार्मिक यात्राओं से बचें

आईएमए ने एक बयान में कहा कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह जरूरी हैं लेकिन कुछ और महीने इंतजार किया जा सकता है। चिकित्सकों के संगठन ने कहा कि वैश्विक साक्ष्य और किसी भी महामारी के इतिहास से यह पता चलता है कि तीसरी लहर आ सकती है।

कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन जरूरी

आईएमए ने बयान में कहा गया है कि हालांकि, यह जिक्र करना दुखद है कि इस नाजुक वक्त में, जब हर किसी को तीसरी लहर की संभावना घटाने के लिए काम करने की जरूरत है, देश के कई हिस्सों में, सरकारें और लोग ढिलाई बरत रहे हैं तथा कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन किये बगैर बड़ी संख्या में एकत्र हो रहे हैं। पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं और धार्मिक उत्साह, ये सभी जरूरी हैं लेकिन कुछ महीने इंतजार किया जा सकता है।

बिना टीका लगवाए भीड़भाड़ में शामिल न हो

आईएमए ने कहा इनकी इजाजत देना और लोगों को टीका लगवाए बगैर इस भीड़भाड़ में शामिल होने देना कोविड की तीसरी लहर में बड़ा योगदान दे सकता है। ओडिशा के पुरी में सालाना रथ यात्रा शुरू होने के दिन और उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की अनुमति दिये जाने की वार्ता होने के बीच यह बयान आया है। आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है।

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