कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का राजभवन कूच, पुलिस के रोकने पर किया हंगामा
केंद्र की ओर से लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध जारी है। किसान और विभिन्न संगठन सरकार के खिलाफ मुखर हैं। दून में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानों ने राजभवन कूच किया। पुलिस ने किसानों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोका, जिस पर किसानों ने काफी देर प्रदर्शन किया और पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया और पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ दिया।
शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन सहित कई संगठनों के सदस्य परेड मैदान में एकत्रित हुए। बड़ी संख्या में ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल से किसान दून पहुंचे। परेड ग्राउंड से रैली की शक्ल में किसान राजभवन को रवाना हुए। किसानों को पुलिस ने हाथीबड़कला पुलिस चौकी के पास रोक दिया, जहां किसानों से जमकर हंगामा किया।
संयुक्त मोर्चा गाजीपुर बार्डर के प्रतिनिधि और ऊधमसिंह नगर के किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि देश का किसान सात माह से आंदोलनरत है, लेकिन सरकार तक उनकी आवाज नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल की विषम परिस्थितियों में भी किसानों ने देशवासियों के लिए अन्न उपजाया।
किसानों के आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल को ज्ञापन देने राजभवन जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया।
राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज की कार्रवाई की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड किसान सभा, किसान यूनियनों व मजदूर संगठन सीटू से जुड़े कार्यकत्र्ता जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर सीटू से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन और उत्तराखंड भोजन माता यूनियन ने भी ज्ञापन प्रेषित किए। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक सुरेंद्र सिंह सजवाण, किसान सभा के जिला अध्यक्ष कमरुद्दीन, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिव प्रसाद देवली, सीटू के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, सचिव लेखराज आदि उपस्थित रहे।