दूसरी लहर में हर दूसरा बच्चा और वयस्क मिले पॉजिटिव, लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा संक्रमित
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पहले सीरो सर्वे में हर दूसरा बच्चा और वयस्क कोरोना संक्रमित मिले हैं। यह लोग संक्रमित इसलिए हैं, क्योंकि इनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं। इन्हें नहीं पता है कि संक्रमित कैसे हुए? अध्ययन में पता चला है कि शहरी बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं।
वहीं लड़कों की तुलना में लड़कियां काफी संक्रमित हुई हैं। इनके अलावा सरकार का दावा था कि दूसरी लहर में 80 फीसदी तक लोग बिना लक्षण वाले हैं, लेकिन इस अध्ययन में पता चला है कि ज्यादातर एंटीबॉडी उन लोगों में मिला जिनमें कोरोना के लक्षण थे।
मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित अध्ययन में दिल्ली, भुवनेश्वर और गोरखपुर एम्स के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए कार्यरत टीम भी शामिल थी। 15 मार्च से 10 जून तक 10 हजार लोगों की जांच की गई, जिनमें 4509 का परिणाम जारी हुआ है। अध्ययन में 2 से 17 वर्ष के 700 बच्चे और 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के 3809 लोग रहे।
2 से 17 वर्ष के 55.7 फीसदी बच्चे, 18 वर्ष से अधिक आयु के 63.5 फीसदी वयस्क संक्रमित मिले। इस दौरान यह पता चला है कि बच्चों और वयस्कों में महामारी का खतरा अलग अलग नहीं है। 700 में से 338 बच्चियां थीं, जिनमें से 198 (58.6 फीसदी) संक्रमित मिली हैं। जबकि लड़कों में 53 फीसदी संक्रमित मिले।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, अगरतला, चंडीगढ़, पांडिचेरी, ओड़िशा, केरल, दादर नागर हवेली, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार लोगों के रक्त नमूने लिए गए। इन राज्यों के आसपास छह चिकित्सीय संस्थानों को नोडल केंद्र बनाया गया था जहां नमूने आने के बाद जांच और फिर अध्ययन किया गया।
अध्ययन के दौरान शहरी क्षेत्र के 909 में से 680 वयस्क संक्रमित मिले। जबकि 2900 में से 1741 ग्रामीण संक्रमित मिले हैं। 700 में से 92 शहरी क्षेत्र के बच्चों में एंटीबॉडी मिले हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 608 बच्चों की जांच में 322 संक्रमित मिले हैं। गोरखपुर ग्रामीण में 108 में से 87 बच्चों में एंटीबॉडी मिली हैं।
दिल्ली-एनसीआर के बल्लभगढ़ गांव के आसपास 61.4 फीसदी बच्चे कोरोना की चपेट में आए। यहां 189 में से 116 बच्चों में एंटीबॉडी मिले हैं। अध्ययन के अनुसार 45 बच्चों में बुखार, 44 संक्रमित में सांस, 10 में पेट और तीन बच्चों को न खाने में स्वाद आ रहा था और उन्हें खुशबू आ रही थी।