राहत की बात : गायब हुआ दक्षिण अफ्रीका का वैरिएंट, यूके स्ट्रेन भी अब शांत
देश की राजधानी में जहां कोरोना संक्रमण के नए मामले तेजी से कम हुए हैं वहीं, वायरस के वैरिएंट भी अब धीरे धीरे निष्क्रिय होने लगे हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। वजह यह कि निष्क्रिय होने के साथ ही वायरस में बदलाव से इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली में अप्रैल और मई माह में वायरस के तीन वैरिएंट ने मिलकर हाहाकार मचाया था जिनमें से दो दक्षिण अफ्रीका और यूके का वैरिएंट अब कम दिखाई देने लगा है। नए सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग में यह वैरिएंट दिखाई नहीं दे रहा है।
हालांकि, दिल्ली में ही जीनोम सिक्वेसिंग करने वाली लैब होने के बाद भी सैंपल के आंकड़ें बेहद कम हैं। अब तक करीब डेढ़ हजार सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग हो पाई है। वहीं, हैदराबाद स्थित सीसीएमबी लैब में इसी साल जनवरी-फरवरी माह के बाद कोई नया सैंपल नहीं भेजा गया है।
नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीट कंट्रोल (एनसीडीसी) के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मई माह तक दिल्ली में यूके और दक्षिण अफ्रीका से आए वैरिएंट के अलावा एल452आर व ई484क्यू से मिलकर बना नया बी.1.617 वैरिएंट ही सबसे तेज फैला था। ज्यादातर मरीजों में बी.1.617 और यूके वैरिएंट बी.1.1.7 ही मिल रहा था जिसकी वजह से जो लोग पहले कभी संक्रमित हुए थे उनमें दोबारा संक्रमण भी दिखाई दिय। इतना ही नहीं इन्हीं दोनों वैरिएंट के वजह से लोगों में कोरोना के खिलाफ बनीं एंटीबॉडी भी 50 फीसदी तक कम हुई थीं। जबकि दक्षिण अफ्रीका से आया बी.1.351 वैरिएंट 10 मई के बाद ही गायब हो गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वायरस का भविष्य क्या होगा? इसके बारे में कोई नहीं जानता है लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि दिल्ली में बी.1.1.7 यूके वैरिएंट न के बराबर दिखाई दे रहा है। जबकि बी.1.617 वैरिएंट की मौजूदगी अभी भी दिल्ली में है जोकि आगे क्या बदलाव ला सकती है? यह फिलहाल नहीं बताया जा सकता। हालांकि इसके बारे में जानने के लिए जीनोम सिक्वेसिंग बहुत जरूरी है जिसे लेकर राज्य से उतने सैंपल नहीं आ पा रहे हैं। अभी तक डेढ़ हजार सैंपल की सिक्वेसिंग में 612 गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं।
तीन वैरिएंट की ऐसी थी ताकत
1. बी.1.1.7 – यह वैरिएंट दिल्ली में सबसे पहले यूके से लौटे एक यात्री के सैंपल में मिला था जिसकी एयरपोर्ट पर कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आई थी। यह मरीज आइसोलेटे हुआ लेकिन फिर भी वैरिएंट बाहर आया और एक मरीज ने औसतन पांच लोगों को संक्रमित किया।
2. बी.1.351 – यह वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका से आए यात्री के जरिए आया और यह भी मरीज के आइसोलेट होने के बाद भी शहर में फैला लेकिन यह एक से दो या तीन लोगों में ही फैला, जोकि काफी नजदीक (परिजन) संपर्क वाले थे।
3. बी.1.617- दिल्ली में पहले से मौजूद दो स्ट्रेन के लिंक होने से यह दिखाई दिया। इसने अब तक के सभी वैरिएंट का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दिल्ली को संक्रमित कर दिया। आशंका है कि इसके एक-एक मरीज ने 30-30 लोगों को संक्रमित किया है।
मई तक यह थी स्थिति
यूके वैरिएंट : 91 यात्री, 391 अन्य लोगों में मिला।
दक्षिण अफ्रीका: चार यात्री, 19 अन्य लोगों में।
बी.1.617- केवल एक यात्री, 106 अन्य लोगों में।
(अन्य लोग: जो न विदेश गए और न कहीं और)