खतरा: अप्रैल में चरम पर होगी कोरोना की दूसरी लहर, महज सात दिन में बढ़े 66 फीसदी मामले

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देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर से अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है। यहां बृहस्पतिवार को कोविड-19 से संक्रमित लोगों के 59 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं। जानकारी मिली है कि कोरोना के नए मामलों की यह गिनती 17 अक्टूबर के बाद सबसे अधिक है। विशेषज्ञों ने भी माना है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आई है, जिससे महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

बीते साल मई के बाद पहली बार इतनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे देख यह माना जा रहा है कि वैक्सीनेशन शुरू किए जाने के बावजूद संक्रमण की दूसरी लहर पहली से भी अधिक घातक साबित हो सकती है। इधर, महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना वायरस की पहली लहर के चलते लोगों में संक्रमण के आंकड़े अपनी चरम सीमा को लांघ चुके हैं। पंजाब का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां भी संक्रमण के आंकड़े पिछली बार के लहर के अपने चरम को पार करने के करीब पहुंच चुके हैं।
66 फीसद बढ़ा एक सप्ताह का औसत
25 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक एक सप्ताह में भारत में हर दिन औसतन 47 हजार 442 नए मामले आ रहे थे। 28 अक्टूबर के बाद पहली बार सात दिन का औसत इतना ज्यादा पहुंचा। हालांकि, कोरोना के फैलने की दर पर नजर डालें तो आंकड़े और भी डराने वाले हैं। केवल सात दिन पहले ही देश में कोरोना के मामलों का सात दिन का औसत 28 हजार 551 था। इसका मतलब यह हुआ कि केवल एक सप्ताह में संक्रमण के नए मामले 66 प्रतिशत बढ़ गए। यह 10 मई के बाद कोरोना वायरस के हर हफ्ते बढ़ते मामलों की दर में सबसे बड़ी उछाल है।

दूसरी लहर में संक्रमण कई गुणा तेजी से फैल रहा
अगर बीते साल मई से अब की स्थिति की तुलना करें तो मई में हर दिन कोरोना के तीन हजार पांच सौ  नए मामले सामने आ रहे थे, लेकिन आज यह आंकड़ा बढ़कर 47 हजार पार हो गया है। इसका मतलब  हुआ कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण कई गुणा तेजी से फैलता जा रहा है।

देश में दूसरी लहर अप्रैल के आखिर में अपने चरम पर होगी
आंकड़ों पर ध्यान दें तो कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल के महीने में अपने चरम पर होगी। बृहस्पतिवार को जारी की गई एक रिपोर्ट की मानें तो देश में दूसरी लहर अप्रैल महीने के आखिर में अपने चरम पर होगी और यह लहर 100 दिन लंबा चलेगी, जो कि 15 फरवरी से शुरू हो चुकी है।

रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पहली लहर के आंकड़ों के बारे में भी बताया गया। रिपोर्ट के अनुसार पहली लहर के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु ने सबसे खराब प्रदर्शन दिखाया है। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर में भी महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।

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