उत्तराखंड सरकार ने तय की प्राइवेट लैब और अस्पतालों में कोरोना टेस्ट की दरें

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उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के सैंपलों की जांच अब प्राइवेट अस्पतालों और लैब में भी हो रही है। इसके चलते अब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों और लैब में जांच के लिए टेस्ट की दरें निर्धारित कर दी हैं। स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

जानकारी अनुसार, प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों की ओर से प्राइवेट लैब में भेजे जाने वाले सैंपलों के लिए दो हजार रुपये (जीएसटी सहित) और सीधे प्राइवेट लैब की ओर से खुद लिए जाने वाले सैंपलों के लिए 2400 रुपये निर्धारित किए गए हैं। बता दें कि अभी तक प्राइवेट लैब की ओर से सैंपल लेने पर 4500 रुपये देने होते थे।

104 दिनों में 55 हजार सैंपलों की जांच
उत्तराखंड सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में 104 दिनों के भीतर सवा करोड़ की आबादी पर सिर्फ 55 हजार सैंपलों की जांच हो पाई है। प्रदेश में प्रति लाख पर लगभग 440 सैंपलों की जांच हो रही है। यह दर राष्ट्रीय औसत से लगभग 17 प्रतिशत कम है।

प्रदेश में रोजाना कोरोना संक्रमित मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 मार्च से लेकर अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2700 पार हो चुका है। कोरोना काल के शुरूआती दिनों की तुलना में प्रदेश में सैंपलों की जांच बढ़ी है। इसके बावजूद अन्य हिमालयी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में सैंपलिंग की दर कम है।

104 दिनों के भीतर प्रदेश की सवा करोड़ की आबादी पर अब तक लगभग 55 हजार सैंपलों की जांच हुई है। सैंपलों की जांच में और तेजी आती है तो संक्रमित मामले भी बढ़ेंगे। प्रदेश के सभी 13 जिलों से विभाग ने 61165 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इसमें 55 हजार सैंपलों की जांच हुई है।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि पहले की तुलना में प्रदेश में कोविड सैंपलिंग बढ़ी है। इसमें और तेजी लाने के लिए मेडिकल कालेजों में स्थापित प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए हाईटेक मशीन लगाने के लिए सरकार ने 11.25 करोड़ की राशि मंजूर की है। प्रत्येक जिले में ट्रूनेट मशीन स्थापित की गई है।

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