पीएम मोदी ने लाल किले से 9वीं बार फहराया तिरंगा, पढ़ें उनके संबोधन की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से नौवीं बार ध्वजारोहण किया। इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित किया।उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। कहा, आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा, मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जानिए, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा…
प्रधानमंत्री ने कहा, न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, बल्कि दुनिया हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाले विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। पीएम ने कहा, देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है। आज का ये दिवस ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा, यह एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है। पीएम ने कहा, यह देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे ऐसे अनगिनत क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।
भारत लोकतंत्र की जननी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं तो उनका सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आता है।
2047 के लिए लें पांच प्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब हम 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सभी सपनों को पूरा करने का प्रण लें। उन्होंने कहा, अगले 25 साल देश के बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें पंच प्रण की शक्ति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। ये पंच प्रण हैं-
1.विकसित भारत
2.गुलामी से मुक्ति
3.विरासत पर गर्व
4. एकता और एकजुटता
5. नागरिकों का कर्तव्य