श्रीलंका में हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश, खूनी संघर्ष के बीच रक्षा मंत्रालय ने लिया फैसला
भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति को लूटने या आम लोगों को चोट पहुंचाने वाले किसी भी दंगाई को गोली मारने का आदेश जारी किया है। यह आदेश राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे द्वारा लोगों से हिंसा और बदले की भावना वाले कृत्य रोकने की अपील के बाद आया है।। श्रीलंका सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों में तेज हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप विरोध स्थलों पर तैनात सुरक्षा बलों के साथ झड़पों की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने तीनों बलों को सार्वजनिक संपत्ति लूटने या दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति पर गोलियां चलाने का आदेश दिया है। देश में विरोध की पहचान हो गई है, जिन्होंने मंत्रियों और सांसद के घरों को जला दिया है।
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के मोरातुवा मेयर समन लाल फर्नांडो और सांसद सनथ निशांत, रमेश पथिराना, महिपाल हेराथ, थिसा कुट्टियाराची और निमल लांजा के आधिकारिक आवासों को भी आग के हवाले कर दिया। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और श्रीलंका के पोदुजाना पेरामुना के सांसदों पर हमला कर दिया।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, यहां तक कि श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के कुछ कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया गया। श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों को हिंसक विरोध के बाद इस्तीफा देने के एक दिन बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिसके कारण देशव्यापी कर्फ्यू लगा।
प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के कोलंबो स्थित सरकारी आवास से निकलने के बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे में शरण ली। यह खबर फैलने के बाद मंगलवार को नौसैनिक अड्डे के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, प्रदर्शनकारी महिंदा को परिसर से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
लोगों में राजपक्षे परिवार और सत्तारूढ़ दलों के खिलाफ गुस्सा किस कदर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क पर चेकप्वाइंट स्थापित कर दिया है ताकि इस परिवार का कोई भी करीबी देश छोड़कर न भाग सके।
समाचार पत्र ‘डेली मिरर’ की खबर अनुसार, महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सोमवार को पूरी रात भीड़ उनके सरकारी आवास ‘टेंपल ट्रीज’ में घुसने की कोशिश करती रही। पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकाप्टरों को आज वीवीआईपी के साथ राजधानी शहर से निकलते देखा गया और कुछ ने अनुमान लगाया कि वे राजपक्षे परिवार के सदस्य थे। इससे पहले आज प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पश्चिमी प्रांत में मंगलवार को कोलंबो में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर हमला किया।
पुलिस ने बताया कि कोलंबो में बीरा झील के पास सीनियर डीआईजी पर हमला हो गया। उन्होंने कहा कि समूह ने डीआईजी के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह प्रदर्शनकारियों द्वारा मंत्रियों के घरों को जलाने के बाद श्रीलंका में अस्थिर स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।
अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य विभाग ब्यूरो ने ट्वीट किया कि श्रीलंका में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और निर्दोष दर्शकों के खिलाफ हिंसा से बहुत चिंतित हैं। सभी श्रीलंकाई लोगों से देश की आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों के दीर्घकालिक समाधान खोजने और सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा शहर में राजपक्षे परिवार के पैतृक आवास को आग लगा दी और राजपक्षे बंधुओं के पिता के स्मारक को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने कुरुनेगला स्थित महिंदा के आवास को भी आग के हवाले कर दिया था। साथ ही 14 पूर्व मंत्रियों और 18 सांसदों के आवासों व कार्यालयों को भी निशाना बनाया गया था, जिनमें पूर्व डिप्टी स्पीकर और राजपक्षे परिवार के निष्ठावान नेता शामिल हैं।
महिंदा की गिरफ्तारी के लिए वकीलों ने दर्ज कराया केस
पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना समेत विपक्षी नेताओं ने लोगों को उकसाने के लिए महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं वकीलों के एक समूह ने महिंदा और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय में एक शिकायत भी दर्ज कराई है। श्रीलंका के अटार्नी जनरल ने पुलिस प्रमुख से हिंसक झड़पों की तत्काल और पूर्ण जांच करने को कहा है। इस बीच, हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है और लगभग 250 लोग घायल हैं।
स्पीकर ने राष्ट्रपति से तत्काल संसद सत्र बुलाने को कहा
श्रीलंका की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से कहा है कि वह अभूतपूर्व हिंसा और कई दशक में देश के सर्वाधिक खराब आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए जल्द से जल्द संसद का सत्र बुलाएं। विपक्षी दलों ने भी ऐसी ही मांग की है। संसदीय अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति को 17 मई की निर्धारित तिथि से पहले संसद सत्र फिर से बुलाना होगा क्योंकि वर्तमान में कोई प्रधानमंत्री और सरकार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह सत्र इसी हफ्ते किसी दिन बुलाया जा सकता है।
आपातकाल के साथ ही लागू है देशव्यापी कर्फ्यू
महिंदा राजपक्षे के सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों पहले उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था जिसके कारण राजधानी में सैन्य बलों को तैनात करना पड़ा और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा। पहले इसे मंगलवार तक के लिए लगाया गया था जिसे बढ़ाकर बुधवार तक कर दिया गया है। इससे पहले राष्ट्रपति गोटाबाया ने शुक्रवार मध्यरात्रि से देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। यह लगभग एक महीने में दूसरा मौका है जब श्रीलंका में आपातकाल लगाया गया है।