रूस से ऊर्जा आयात बढ़ाना भारत के हित में नहीं, अपनी निर्भरता कम करने से खुश: प्रेस सचिव जेन साकी
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को आज 40 दिन हो गए हैं। यूक्रेन के कई शहर बमबारी और सैन्य हमलों से तबाह हो रहे हैं। वहीं पूरी दुनियां की नजरें दोनों देशों की लड़ाई पर टिकी हुई है। रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से अमेरिका और कई अन्य देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि रूसी ऊर्जा आयात और अन्य वस्तुओं को बढ़ाना भारत के हित में नहीं है, क्योंकि वाशिंगटन दुनिया भर के देशों पर दबाव बना रहा है कि वह सस्ता रूसी तेल ना खरीदें।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक प्रेस वार्ता में भारत द्वारा रूसी तेल के आयात पर, एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका उम्मीद करता है कि दुनिया भर के हर देश को उन प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए जो हमने रूस के लिए घोषित किए थे। उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा भुगतान स्वीकृत नहीं हैं। यह प्रत्येक व्यक्तिगत देश द्वारा लिया गया निर्णय है, और हम बहुत स्पष्ट हैं कि प्रत्येक देश अपनी पसंद बनाने जा रहा है, भले ही हमने निर्णय लिया हो और अन्य देशों ने ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया हो।’
आपको बता दें कि यह बयान अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) दलीप सिंह के 30-31 मार्च तक भारत की दो दिवसीय यात्रा के कुछ दिनों बाद आया है। अपनी यात्रा के दौरान, यूएस डिप्टी एनएसए ने रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के लक्ष्यों और सोच पर भारतीय समकक्षों के साथ परामर्श किया था।
दलीप सिंह की हाल ही हुई भारत यात्रा का जिक्र करते हुए साकी ने कहा कि डिप्टी एनएसए ने एक संदेश दिया कि रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाने या बढ़ाने के लिए भारत के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘इस यात्रा के दौरान दलीप ने अपने समकक्षों को जो स्पष्ट किया, वह यह था कि हमें विश्वास नहीं है कि रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाने या बढ़ाने के लिए भारत के हित में है।’ व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने आगे यह भी कहा कि भारत से रूसी ऊर्जा का आयात उनके कुल ऊर्जा आयात का केवल 1 फीसद से 2 फीसद का प्रतिनिधित्व करता है।