ओमिक्रोन बहुत बड़ा वैश्विक खतरा, चुनौतियों का सामना करने के लिए रहे तैयार

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साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ने दुनिया के होश उड़ा दिए हैं। कोरोना के इस नए वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) की कैटेगरी में रखते हुए WHO ने इसे ओमिक्रॉन नाम दिया है। यह कोरोना का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट माना जा रहा है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे ‘डरावना’ बता रहे हैं। इस वैरिएंट को भारत में दूसरी लहर और दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर की वजह बने डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला करार दिया गया है।

भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट की आशंका

कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर उभर रही चिंताओं के बीच कर्नाटक के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से हाल ही में बेंगलुरु आए दो लोगों में से एक का नमूना ‘डेल्टा वैरिएंट’ से अलग है। इस व्‍यक्ति में पाया गया वायरस डेल्टा वैरिएंट से अलग दिखता है। वहीं महाराष्‍ट्र के ठाणे में दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स को कोरोना से संक्रमित पाया गया है।

पाकिस्तान ने जताई नए वैरिएंट ओमिक्रोन से खतरा

पाकिस्‍तान को इस बात की पूरी आशंका है कि उनके यहां पर भी कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रोन दस्‍तक दे सकता है। इस बात की आशंका पाकिस्‍तान प्रधानमंत्री के स्‍वास्‍थ्‍य मामलों के विशेष सहायक डाक्‍टर फैसल सुल्‍तान और योजना मंत्री असद उमर ने जताई है। इनका ये भी मानना है कि इसको देश में आने से रोका नहीं जा सकता है, लिहाजा इसका आना तय है।

अफ्रीकी देशों से 1000 यात्री आए मुंबई, खतरा ज्यादा

बृहन्मुंबई नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 15 दिनों में 1000 यात्री मुंबई में आए हैं। ये सभी लोग अफ्रीकी देशों से आ रहे थे जहां पर ओमिक्रोन का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है।  इन 1000 यात्रियों में से बीएमसी के पास सिर्फ 466 लोगों का डेटा मौजूद है। इसमें भी 100 लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया है। अब इन लोगों में से जो भी कोविड पॉजिटिव पाया जाएगा, उनकी रिपोर्ट जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि इन देशों से आए संक्रमित लोगों को सेवन हिल्स अस्पताल में क्वारंनटीन में रखा जाएगा।

कुछ क्षेत्रों में नतीजे हो सकते हैं गंभीर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह करते हुए कहा कि तेजी से रूप बदल रहा ओमिक्रोन कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक दुनिया के किसी देश में ओमिक्रोन के चलते मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन वैक्सीन और पूर्व के संक्रमण के चलते पैदा हुई प्रतिरक्षा को बेअसर करने की इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है।

मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की आशंका

ओमिक्रोन वैरिएंट के तेजी से फैलने से मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की आशंका जताते हुए संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपने सभी 194 सदस्य देशों से टीकाकरण में तेजी लाने, खासकर अधिक जोखिम वाले समूह के लोगों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का आग्रह किया। डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘ओमिक्रोन में स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में बहुत ज्यादा म्युटेशन हुआ है, इनमें से कुछ महामारी की गंभीरता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता पैदा करते हैं। समग्र रूप से इससे बहुत बड़ा वैश्विक खतरा है।’हालांकि, एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमिक्रोन के ज्यादा संक्रामक होने के अभी प्रमाण नहीं मिले हैं और दुनिया भर में अभी भी संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले डेल्टा वैरिएंट के ही आ रहे हैं।

स्थिति खतरनाक और अनिश्चित: टेड्रोस

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि ओमिक्रोन का सामने आना दर्शाता है कि स्थिति कितनी खतरनाक और अनिश्चय बनी हुई है। इस वैरिएंट ने वैश्विक स्तर पर महामारी को लेकर एक समझौते की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाने की भी बात कही। टेड्रोस ने कहा कि हमारी मौजूदा प्रणाली देशों को संभावित खतरे से दूसरे को अलर्ट करने से हतोत्साहित करती है। नए समझौते इन सभी मुद्दों को शामिल किया जा सकता है।

ओमिक्रोन से अमेरिका में पांचवीं लहर का खतरा

फासी वाशिंगटन से मिली आइएएनएस की ही रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी एंथोनी फासी ने नए ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते और टीकाकरण में स्थिरिता की वजह से अपने देश में कोरोना महामारी की पांचवीं लहर आने की आशंका जताई है। फासी ने कहा है कि ओमिक्रोन के अधिक संक्रामक होने के संकेत मिले हैं। हालांकि, उन्होंने रविवार को राष्ट्रपति जो बाइडन को यह बताया था कि ओमिक्रोन पर ठोस जानकारी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का वक्त लगेगा। साथ ही यह उम्मीद भी जताई थी कि संक्रमण के गंभीर होने से रोकने में मौजूदा वैक्सीन कुछ हद तक सफल हो सकती हैं।

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