कश्मीर में माहौल बिगाड़ने की साजिश: सीमापार लॉन्चिंग पैड फुल, बर्फबारी से पहले धकेले जा रहे आतंकी

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बर्फबारी से पहले पाकिस्तान ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में धकेलने की फिराक में है। सीमा पार लॉन्चिंग पैड आतंकियों से फुल हैं। बर्फबारी से रास्ते बंद होने से पहले ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ कराने की साजिश है, ताकि जम्मू – कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। पाकिस्तानी की यह तैयारी पूरे साल के लिए है। ऐसे में अगले दो महीने सुरक्षाबलों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।

लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रशिक्षित आतंकियों को तैयार रखा गया है ताकि उन्हें जम्मू-कश्मीर में माहौल बिगाड़ने के लिए धकेला जा सके। नदी-नालों की वजह से राजोरी और पुंछ का इलाका घुसपैठ के लिए मुफीद माना गया है। कश्मीर में सख्ती के चलते यहां से घुसपैठ के प्रयास हैं। ताजा घुसपैठ भी पुंछ के बालाकोट सेक्टर से हुई है जिसमें जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए।

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अकेले पुंछ में एलओसी की सीमा लगभग 110 किलोमीटर है। यहां बालाकोट, मनकोट, कृष्णाघाटी, पुंछ सेक्टर घुसपैठ की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। पाकिस्तान के कब्जे वाले निखियाल, तत्तापानी, हजीरा, बाग, तेतरीनोट, चिड़ीकोट और कोहटा में लॉन्चिंग पैड के साथ ही ट्रेनिंग कैंप बनाए गए हैं। ये सारे लॉन्चिंग पैड एलओसी से सटे गांवों में हैं।

प्रत्येक लॉन्चिंग पैड पर तीन से पांच आतंकियों की हलचल देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार घुसपैठ के लिए आतंकी उस पार की चौकियों के साथ लगते रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं। बर्फबारी के चलते पीर पंजाल के इलाके में घुसपैठ के रास्ते बंद हो जाते हैं। इस वजह से दहशतगर्दों का इस पार दाखिल होना संभव नहीं हो पाएगा।

सैन्य प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की ओर से नापाक साजिशें की जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति पड़ोसी मुल्क को रास नहीं आ रही है। इस वजह से घुसपैठ के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सेना एलओसी पर पूरी तरह सतर्क है। सीमा पार के मंसूबों को हर हाल में नाकाम किया जाएगा।

नदी-नाले सुरक्षित रास्ते
भौगोलिक परिस्थितियों के साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के इलाके से कई नदी-नाले इस पार लगते हैं। एलओसी पर तारबंदी जरूर है, लेकिन नदी-नालों पर तारबंदी न होने की वजह से आतंकी इन रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। सुरक्षा बलों की नजर बचाते हुए ही इन रास्तों से घुसपैठ की नापाक कोशिशें की जा रही हैं।

स्लीपर सेल-ओजीडब्ल्यू नेटवर्क सक्रिय
एलओसी से सटे इलाकों में आतंकी संगठनों ने अपने स्लीपर सेल और ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है। यह नेटवर्क आतंकियों को घुसपैठ कराने और उन्हें सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने में सहयोग कर रहा है। यह नेटवर्क गाइड के रूप में काम करते हुए उन्हें घाटी तक सुरक्षित पहुंचाने में मदद कर रहा है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने धरपकड़ की कार्रवाई तेज की है।

 

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