हरियाणा से उत्तराखंड घूमने आई युवती और दो महिलाएं गंगा में बहीं, बेहद खतरनाक हैं घाट; सुरक्षा के इंतजाम नहीं
ऋषिकेश अंतर्गत हरिपुरकलां रायवाला में गीता कुटीर घाट पर स्नान के लिए उतरी तीन महिला यात्री गंगा की तेज धारा में बह गई। रायवाला पुलिस व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने गंगा में तलाशी अभियान चलाया लेकिन, कुछ पता नहीं चल पाया।
हरियाणा से आए कुछ यात्री शनिवार से हरिपुरकलां में एक आश्रम में रुके थे। रविवार सुबह करीब चार बजे वह गीता कुटीर घाट पर नहाने के लिए गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीन महिला यात्री एक दूसरे का हाथ पकड़कर गंगा स्नान को उतरी और अचानक बहाव की चपेट में आ गईं। घटना से मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों में कोहराम मच गया। उन्होंने मदद के लिए गुहार लगाई। रायवाला के थानाध्यक्ष मयफोर्स मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ के साथ गंगा में खोजबीन शुरू कर दी। थानाध्यक्ष भुवनचंद्र पुजारी ने बताया कि बहने वालों के नाम कुसुम (36 वर्ष) पत्नी राजेश निवासी ग्राम खानपुरकलां सोनीपत हरियाणा, सीमा (34 वर्ष) पत्नी नरेंद्र निवासी ग्राम पादची थाना गन्नौर सोनीपत हरियाणा तथा कुमारी नेहा (24 वर्ष) पुत्री सतवीर ग्राम गढ़ी केसरी तहसील गन्नौर जिला सोनीपत हरियाणा है। सभी आपस में नजदीकी रिश्तेदार हैं।
बेहद खरतनाक हैं घाट, सुरक्षा के इंतजाम नहीं
हरिद्वार जिले की सीमा पर सप्तसरोवर क्षेत्र से सटे तमाम घाट स्नान के लिए कतई सुरक्षित नहीं है। आसपास स्थित आश्रम वालों ने स्नान घाट तो बनाए हुए हैं, लेकिन इनमें सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। गंगा तक रैंप बने हैं पर इन पर लोहे की रेङ्क्षलग और जंजीर नहीं हैं। इस क्षेत्र में नदी का बहाव भी बहुत तेज है, जिसकी जानकारी यात्रियों को नहीं हो पाती। बाढ़ से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इस जगह पर तार जाल व सीसी ब्लाक पड़े हुए है। जो की बरसात में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नदी में नहाने को उतरने वाला इन तार जाल में अक्सर उलझ जाते हैं। वहीं प्रशासन ने भी यहां पर यात्रियों को घाट के खतरनाक होने जानकारी देने अथवा सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए हुए हैं। जबकि यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी का कहना है कि घाटों पर यात्रियों की सुरक्षा के जरूरी उपाय किए जाएंगे।
बेहद खरतनाक हैं घाट, सुरक्षा के इंतजाम नहीं
हरिद्वार जिले की सीमा पर सप्तसरोवर क्षेत्र से सटे तमाम घाट स्नान के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। आसपास स्थित आश्रम वालों ने स्नान घाट तो बनाए हुए हैं, लेकिन इनमें सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। गंगा तक रैंप बने हैं पर इन पर लोहे की रेलिंग और जंजीर नहीं हैं। इस क्षेत्र में नदी का बहाव भी बहुत तेज है, जिसकी जानकारी यात्रियों को नहीं हो पाती। बाढ़ से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इस जगह पर तार जाल व सीसी ब्लाक पड़े हुए है, जो की बरसात में क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
नदी में नहाने को उतरने वाला इन तार जालों में उलझ जाता है। वहीं, प्रशासन ने भी यहां पर यात्रियों को घाट के खतरनाक होने जानकारी देने अथवा सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए हुए हैं, जबकि यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी का कहना है कि घाटों पर यात्रियों की सुरक्षा के जरूरी उपाय किए जाएंगे।