मोदी और बाइडन मुलाकात के बाद अब दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की टू प्लस टू वार्ता की तैयारी जोरों पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की शिखर वार्ता ने कई सेक्टर में भारत व अमेरिका के बीच सहयोग का एजेंडा तय कर दिया है। दोनों प्रमुखों के बीच वार्ता के बाद कई नए-पुराने सेक्टर में बातचीत का नया दौर शुरू होने जा रहा है। दोनों देशों के बीच कूटनीति व रक्षा क्षेत्र में सहयोग की दिशा देने वाली अहम टू प्लस टू वार्ता की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। साथ ही अब आतंकवाद के खिलाफ और मादक पदार्थो की तस्करी की रोकथाम को लेकर भी दोनों देशों के बीच नया फ्रेमवर्क बनाने को लेकर वार्ता शुरू होने जा रही है। इसी तरह से अत्याधुनिक तकनीकी और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी अलग-अलग बैठकों की तिथि तय की जा रही है। इसके अलावा अफगानिस्तान को आर्थिक मदद देने और वहां के नागरिकों को मदद करने को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने जा रही है।
भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग कई स्तरों पर होता है। मोदी और बाइडन की मुलाकात में भी यह मुद्दा काफी अहम रहा था। दोनों देशों के बीच इस मामले में संयुक्त कार्य दल का गठन किया गया है, जिसकी जल्द ही बैठक होगी। इस क्षेत्र में एक दूसरी बैठक अमेरिका-भारत होमलैंड सिक्योरिटी की होगी। माना जा रहा है कि इन वार्ताओं से आतंकवाद के खिलाफ खुफिया जानकारियों को साझा करने और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच मौजूदा तालमेल को और मजबूत बनाने का काम होगा। मोदी और बाइडन की बातचीत में खास तौर पर आतंकवाद के खिलाफ तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। इस बारे में अब अधिकारियों के बीच होने वाली वार्ता से राह निकाली जाएगी।
नवंबर 2021 में होने वाली यह बैठक वाशिंगटन में होगी
दोनों देशों के बीच सबसे अहम बैठक अभी टू प्लस टू होगी। इसमें दोनों तरफ से विदेश व रक्षा मंत्री हिस्सा लेते हैं। नवंबर 2021 में होने वाली यह बैठक वाशिंगटन में होगी और इसके एजेंडे पर काम शुरू कर दिया गया है। इसमें मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर जो दिशा दिखाई है, उसे किस तरह से लागू किया जाएगा, इसका पूरा रोडमैप होगा।
स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण में करीबी सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच गांधी-किंग फाउंडेशन के तहत भी कई स्तरों की बैठक जल्द ही शुरू की जाने वाली है। भावी कारोबारी समझौते को लेकर भी दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालयों के बीच वार्ता का दौर नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में होगा। इसकी तैयारी में दोनों तरफ के दूतावास लगातार संपर्क में हैं।
आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में अगले वर्ष की शुरुआत में यूएस-इंडिया सीईओ फोरम की बैठक होगी। निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से इस फोरम की स्थापना की गई है। उसी समय के आसपास तकनीकी सहयोग पर गठित हाई टेक्नोलाजी कोआपरेशन ग्रुप (HTCG) की भी बैठकें शुरू होने वाली हैं।