खटीमा गोलीकांड की 27वीं बरसी पर राज्य आंदोलनकारियों को सीएम धामी की सौगात

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उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड के शहीदों की 27वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को कई सौगात दीं। सीएम ने आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी पेंशन देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने वंचित राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। सीएम ने कहा कि आगामी वर्ष से शहीद दिवस पर होने वाला आयोजन सरकारी कार्यक्रम होगा।

उधर, टनकपुर में सीएम ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये करने, उन्हें कोरोना योद्धा घोषित करने, बनबसा के कठुवापाती में सिडकुल की स्थापना करने, नायकगोठ-थ्वालखेड़ा के बीच किरोड़ा में पुल बनवाने और ट्रॉमा सेंटर शुरू कराने समेत विकास से जुड़ीं कई घोषणाएं कीं। उन्होंने नायकगोठ-थ्वालखेड़ा के बीच पुल के निर्माण का कार्य एक माह के अंदर शुरू करवाने का वायदा किया है। उन्होंने चंपावत विधानसभा में हुए 3852.99 लाख रुपये लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और 349.50 लाख रुपये के तीन विकास कार्यों का शिलान्यास किया।

एक सितंबर 1994 को उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए शहीद हुए आंदोलनकारियों की 27वीं बरसी पर बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में पुराने तहसील परिसर में निर्माणाधीन शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सीएम ने कहा कि शहीदों का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता। शहीदों के सपने को साकार कर दस वर्षों में आदर्श उत्तराखंड बनाया जाएगा। सीएम ने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर सरकारी अस्पतालों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में भी निशुल्क इलाज की सुविधा देने की घोषणा की। कहा कि जो आंदोलनकारी सरकारी नौकरी में हैं और हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें नौकरी से हटाए जाने का आदेश दिया है, सरकार उनकी मजबूती से पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी।

इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, राज्य आंदोलनकारी कैप्टन शेर सिंह दिगारी, दान सिंह रावत, शिव अरोरा, नंदन सिंह खड़ायत, भगवान जोशी, हरीश जोशी, रामू जोशी, रमेश जोशी ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
खटीमा की भूमि राज्य निर्माण की जननी : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खटीमा की भूमि उत्तराखंड राज्य निर्माण की जननी है। शहीदों के सपने को साकार कर दस वर्षो में देश का आदर्श उत्तराखंड बनाया जाएगा। सीएम बुधवार को यहां पुराने तहसील परिसर में निर्माणाधीन शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। सीएम धामी ने कहा कि एक सितंबर 1994 को पृथक राज्य की मांग को लेकर हजारों लोग शांतिपूर्ण जुलूस निकाल रहे थे। इस बीच, असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया, जिससे जुलूस में भगदड़ मच गई और पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज करते हुए आंदोलनकारियों पर गोली चला दी। पुलिस गोलीकांड में गोपी चंद, धर्मानंद भट्ट, प्रताप सिंह, भगवान सिंह सिरौला, परमजीत सिंह, सलीम, रामपाल शहीद हो गए थे। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान राजनीतिक, सामाजिक और अन्य संगठनों के लोगों ने शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित
शहीद दिवस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद आंदोलनकारियों के परिजन अतुल सिंह, नानक सिंह, स्वर्ण कौर, नरेश चंद, अब्दुल रशीद, अनिल भट्ट, भागीरथी देवी, नीला देवी आदि को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

नैनीताल से पहुंचा क्रांतिकारी मोर्चा
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी क्रांतिकारी मोर्चा नैनीताल के पदाधिकारियों ने भी शहीद स्मारक पहुंचकर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी। साथ ही आंदोलनकारियों की 15 सूत्री मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन सौंपा। वहां केएल आर्य, गणेश सिंह, विपिन चंद्र भट्ट, पान सिंह सिजवाली, हरेंद्र सिंह बिष्ट, मुनीर आलम, विरेंद्र जोशी आदि थे।
अब अधिकारियों के काम का तरीका भी बदलेगा : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे जो घोषणा करेंगे वह उनका शिलान्यास और लोकार्पण भी उन्हीं की सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक काम के तरीके बदले जा रहे हैं, जो काम जिस स्तर के अधिकारी का है वह काम उसी अधिकारी के स्तर पर पूरे होंगे। अधिकारियों से प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक कार्यालयों में बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान करने के आदेश दिए गए हैं।

बनबसा से कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ रोड शो कर मुख्यमंत्री तय समय से करीब तीन घंटे देरी से गांधी मैदान में आयोजित जनसभा में पहुंचे। सभा से पूर्व उन्होंने चंपावत विधानसभा में हुए 3852.99 लाख रुपये लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और 349.50 लाख रुपये के तीन विकास कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां पूर्णागिरि की धरती टनकपुर से उनका बचपन से लगाव रहा है। उनका सपना है कि खटीमा से लेकर धारचूला तक का क्षेत्र विकसित क्षेत्र बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार योजना के तहत लाखों लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है, जिससे उत्तराखंड का युवा रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि देना वाला बनेगा। विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों पर भर्तियां शुरू कर दी गई है। एक भी पद खाली नहीं रहेगा। कोरोना से प्रभावित पर्यटन, सांस्कृतिक दल आदि व्यवसाय से जुड़े राज्य के 1.65 लाख लोगों को सरकार आर्थिक मदद दे रही है। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर, डीएलएड, शिक्षा मित्रों समेत हर विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाया जाएगा। कोरोना संकट के कारण नौकरी के लिए हजारों युवाओं की उम्र सीमा पार होने से उनका भविष्य खराब होता देख सरकार ने समूह ग और ख की भर्ती में एक साल की छूट दी है।

उन्होंने कहा पहले सरकार एनडीए, बीडीएस आदि की तैयारी करने वालों को चयनित होने के बाद सरकार आर्थिक सहायता देती थी, लेकिन अब सरकार ने लिखित परीक्षा पास करते ही 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है। विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री के समक्ष विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की विभिन्न मांगें उठाईं। सभा को सांसद अजय टम्टा ने भी संबोधित किया।

 

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