मंगलवार को 31 नए संक्रमित मिले, एक मरीज की मौत, घटकर 330 हुए एक्टिव केस

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उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में  31 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक मरीज की मौत हुई है। जबकि 41 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 330 पहुंच गई है, जबकि सोमवार को प्रदेश में 342 सक्रिय मामले थे।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार,  मंगलवार को 19597 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। हरिद्वार और टिहरी जिले में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी में तीन-तीन, बागेश्वर में सात, चमोली और देहरादून में चार-चार, चंपावत, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और ऊधमसिंह नगर में दो-दो, नैनीताल व पिथौरागढ़ में एक-एक संक्रमित मरीज सामने आया है।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 342637 हो गई है। इनमें से 328885 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7373 लोगों की जान जा चुकी है।

1.19 लाख लोगों को टीका
मंगलवार को प्रदेशभर में एक लाख 19 हजार 493 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। अब तक प्रदेश में 56 लाख 57 हजार 892 लोगों को पहली वैक्सीन, जबकि 17 लाख 72 हजार 218 को दोनों डोज दी जा चुकी हैं। 18 से 44 आयु वर्ग में भी दो लाख 11 हजार 462 को दोनों डोज दी जा चुकी हैं।
एम्स में रिकार्ड 3.51 लाख लोगों की हुई कोविड जांच
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कोरोना महामारी ने हमें नई चुनौतियों से लड़ना सिखाया है। कहा कि कोविड की दूसरी लहर के भयावह खतरे के बावजूद एम्स ने अभी तक तीन लाख 51 हजार से अधिक कोविड जांच कर रिकॉर्ड बनाया है। वहीं 16 हजार से अधिक मरीजों को इलाज भी मुहैया कराया है।

एम्स निदेशक रविकांत ने बताया कि संस्थान का तृतीयक देखभाल (टर्सरी केयर) और रिसर्च पर ही प्राथमिक फोकस है। इसके लिए उन्होंने संस्थान के चिकित्सकों से आह्वान किया कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें एडवांस स्किल्स के साथ प्राइमरी और सेकेंडरी केयर में पारंगत होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना साकार होने के कारण ही एम्स ऋषिकेश राज्य में वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। स्थापना से आज तक 30 लाख से अधिक ओपीडी, एक लाख 70 हजार आईपीडी मरीज, एक लाख 30 हजार ट्रॉमा मामले और 70 हजार से अधिक ऑपरेशन कर संस्थान ने देश के अग्रणी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी जगह बनाई है।

उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी स्वतंत्रता लानी होगी। यह तभी संभव हो सकेगा जब देश के प्रत्येक जिला चिकित्सालय में पीजीआई चंडीगढ़ जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित होंगी। उन्होंने कहा कि संस्थान 960 बेड के अस्पताल के अलावा, आईडीपीएल स्थित 500 बेड के अस्थायी कोविड अस्पताल और नटराज चौक, ऋषिकेश स्थित जीएमवीएन भारत भूमि गेस्ट हाउस के 113 बेड वाले कोविड केयर सेंटर का संचालन कर रहा है।

 

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