संसद में पेगासस पर जंग तेज, टीएमसी के छह सांसद निलंबित, विपक्ष ने गतिरोध के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार
विपक्षी दलों की एकजुटता ने संसद में पेगासस जासूसी कांड पर छिड़े सियासी संग्राम की आक्रामकता बढ़ा दी है। बहस की मांग ठुकरा कर सरकार के लगातार दोनों सदनों में बिल पारित कराने के रुख का विरोध करने के लिए विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में हंगामा और नारेबाजी तेज कर दी है। इस बीच राज्यसभा में छह विपक्षी सांसदों को निलंबित भी किया गया। सभापति वेंकैया नायडू ने वेल में तख्तियां और पोस्टर के साथ शोर-शराबा करने वाले तृणमूल कांग्रेस के आधा दर्जन सांसदों को दिन भर की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
विपक्ष ने संसद में बढ़ रहे घमासान के लिए सरकार के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया
संसद में लगातार बढ़ रहे घमासान के लिए विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान में सरकार के अहंकार को मौजूदा गतिरोध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही सरकार से संसद में पेगासस और कृषि कानूनों पर बहस की मांग स्वीकार करने का आग्रह किया है।
दोनों सदनों में अब तक आठ विधेयक पारित होने से बेचैन विपक्ष के तेवर और तीखे
पेगासस पर जारी गतिरोध का हल निकलने की धूमिल पड़ चुकी उम्मीद को देखते हुए सरकार दोनों सदनों में हंगामे के बीच पिछले दिनों सात आठ विधेयक पारित करा चुकी है। इसने विपक्षी दलों को बेचैन कर दिया है। इसीलिए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में विपक्ष के तेवर और तीखे होते जा रहे हैं।
राज्यसभा में जमकर नारेबाजी, टीएमसी के छह सांसद निलंबित
राज्यसभा में बुधवार को पेगासस मामले पर विपक्षी सदस्य वेल में जाकर नारेबाजी कर रहे थे। सभापति ने आसन के सामने तख्तियां और पोस्टर लिए विपक्ष के सदस्यों को अपनी सीट पर जाने का निर्देश दिया, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया। तब नायडू ने पहले चेतावनी देने के बाद नियम 255 के तहत तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों डोला सेन, अर्पिता घोष, नदीम उल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांति छेत्री और मौसम नूर को सदन की बाकी बची कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
दोनों सदनों में घमासान के बीच लोकसभा में दो व राज्यसभा में एक विधेयक पारित
सभापति ने इन सदस्यों का सदन में नाम नहीं लिया मगर राज्यसभा सचिवालय ने सदन स्थगित होने के बाद पोस्टर-बैनर दिखाने वाले सदस्यों की पहचान कर उनके दिन भर के निलंबन की सूचना जारी कर दी। दोनों सदनों में दिन भर हंगामा और नारेबाजी होती रही। बार-बार स्थगन के बीच सरकार ने लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक विधेयक को अव्यवस्था की स्थिति में ही पारित कराया और फिर कार्यवाही पूरे दिन के लिए ठप स्थगित हो गई।
विपक्ष ने जारी किया संयुक्त बयान
विपक्षी दलों ने संसद के भीतर अपना एतराज जाहिर करने के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर हमला बोला। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लोकसभा में द्रमुक के नेता टीआर बालू, कांग्रेस के आनंद शर्मा, सपा के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी, माकपा के विनय विस्वम, राजद के मनोज झा समेत 18 विपक्षी नेताओं की ओर संयुक्त बयान जारी किया गया।
विपक्षी दल पेगासस जासूसी कांड पर दोनों सदनों में बहस की मांग पर एक जुट
इसमें कहा गया कि विपक्षी दल पेगासस जासूसी कांड पर दोनों सदनों में बहस की मांग और गृहमंत्री से जवाब की अपनी मांग पर एकजुट हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है।
विपक्ष कृषि कानूनों के खिलाफ और महंगाई पर बहस के लिए तैयार
विपक्षी दल कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन और महंगाई पर भी बहस के लिए पूरी तरह तैयार हैं और सरकार को इस बारे में स्पष्ट बता चुके हैं।
विपक्ष ने संयुक्त बयान में कहा- संसद में गतिरोध का हल निकालने की सरकार की जिम्मेदारी
संयुक्त बयान में सरकार पर विपक्षी दलों को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एकजुट विपक्ष को बदनाम करने के लिए सरकार दुष्प्रचार अभियान चलाते हुए संसद के गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है। जबकि असल में इसके लिए सरकार जिम्मेदार है और गतिरोध का हल निकालने की जिम्मेदारी उसकी है मगर अपने अहंकार में सरकार बहस की मांग को बार-बार ठुकरा रही है।