‘वात्सल्य’ लांचिंग में भावुक हुए CM, बोले- बच्चों का मामा की तरह रखूंगा ख्याल; आर्य बुआ बन करेंगी संरक्षण
कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की लांचिंग के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य भावुक हो गए। मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वह इन बच्चों का मामा की तरह ध्यान रखेंगे। उनसे पहले मंत्री आर्य ने कहा कि वह बेसहारा बच्चों की बुआ की तरह हैं। जिस तरह बहन अपने भाई के बच्चों का संरक्षण करती है, उसी तरह वह भी इनका संरक्षण करेंगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भाव में ही भगवान होते हैं। हमारा इन बच्चों के प्रति स्नेह, प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव है। हम सभी इनके लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें। इनकी सहायता से पुण्य प्राप्त होगा। वात्सल्य, माता-पिता में अपने बच्चों के लिए होने वाला नैसर्गिक प्रेम होता है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का हम प्रयास कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना ने हमसे बहुत कुछ छीना है। तमाम व्यक्तियों ने अपनों को खोया है। हमें इस दर्द से संघर्ष कर आगे बढ़ना है। उन्होंने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। बताया कि योजना के दायरे में एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि में कोरोना या अन्य बीमारियों से माता-पिता अथवा संरक्षक को खोने वाले बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसमें आर्थिक सहायता के अलावा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की कार्रवाई की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा संरक्षण के लिए सभी डीएम को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति, उत्तराधिकारी एवं विधिक अधिकारों के मद्देनजर संरक्षक अधिकारी नामित किया गया है।
आनलाइन भरा जाएगा ब्योरा
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में अभी तक सभी श्रेणियों में 1143 बालिकाएं और 1202 बालक चिह्नित किए गए हैं। इनमें कोविड व अन्य बीमारियों के कारण माता-पिता खो चुके बच्चों की संख्या 151 है, जबकि शेष माता-पिता व संरक्षक में से किसी की मृत्यु से प्रभावित बच्चे शामिल हैं। योजना के संचालन के लिए अब एमआइएस पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें सभी बच्चों का विवरण जिलेवार भरा जाएगा। बताया गया कि जल्द ही सभी चिह्नित बच्चों को डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में प्रतिमाह सहायता राशि भेजी जाएगी।
प्रथम चरण में लाभान्वित बच्चे
जिला, बच्चों की संख्या
नैनीताल, 146
उत्तरकाशी, 137
टिहरी, 132
देहरादून, 123
पौड़ी, 122
ऊधमसिंहनगर, 79
हरिद्वार, 70
चम्पावत, 59
रुद्रप्रयाग, 54
अल्मोड़ा, 49
पिथौरागढ़, 41
चमोली, 28
बागेश्वर, 22