कोरोना वायरस: अब तैयार हो रहा रेमडेसिविर का पाउडर, सरकार ने परीक्षण की मंजूरी दी
एचसीक्यू के बाद अब एक और दवा कोविड प्रोटोकॉल से बाहर आने के बाद नए रुप में सामने आ सकती है। रेमडेसिविर इंजेक्शन को जल्द ही पाउडर के रूप में लाया जा सकता है। इसके लिए लुपिन फार्मा कंपनी ने सरकार से अनुमति भी मांगी लेकिन ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (सीडीएससीओ) के अधीन विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले मानव परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
कंपनी से कहा है कि इस पाउडर पर दूसरे चरण का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद सामने आए परिणामों के आधार पर अगला परीक्षण करने के अनुमति दी जाएगी।
समिति के एक सदस्य ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन गंभीर कोविड मरीजों के लिए अस्पतालों में दिया जा रहा था लेकिन अब फार्मा कंपनी ने दावा किया है कि यह पाउडर उन मरीजों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिनका इलाज घरों में चल रहा है।
हालांकि दूसरी ओर समिति सदस्य ने इस पर भी सहमति जताई कि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर का योगदान संतोषजनक नहीं मिला है जिसके चलते जून में भारत सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल से इसे बाहर भी कर दिया है।
दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर की कालाबाजारी की घटनाएं भी जाहिर हैं। उन्होंने कहा कि लुपिन लिमिटेड फार्मा कंपनी अभी इस पर काम कर रही है। कंपनी से सीटी प्रोटोकॉल, स्टडी डिजाइन, सैंपल साइज, दवा का असर इत्यादि बिंदुओं पर बदलाव करने और फिर से आवेदन देने के लिए कहा है।
दरअसल पिछले साल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले मरीजों तक रेमडेसिविर को पहुंचाने के लिए इसे सूखे पाउडर में विकसित किया। इस इनहेल्ड फॉर्मूलेशन को सस्ता और कम-खुराक वाला बताया गया है जो बीमारी को उसके शुरुआती चरणों में रोकने की क्षमता रखता है। यहां तक दावा किया गया है कि यह सीधे फेफड़ों में कोरोना वायरस को पहुंचने से रोकता है।