उत्तराखंड में आफत की बारिश, कैंपटी फाल ने लिया विकराल रूप; देखें वीडियो

0
28_07_2021-raindrain_21871886_143241623

उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बारिश जारी है। मसूरी में पूरी रात हुई मूसलाधार बारिश से कैंपटी फाल ने विकराल रूप ले लिया है। इसे देखते हुए पुलिस ने फाल के आस-पास के दुकानों को खाली करवाया है। इसके साथ ही पर्यटकों को कैंपटी फाल पर जाने से फिलहाल रोक दिया गया है। अल्मोड़ा में ड्यूटी से लौट रहा एक स्कूटी सवार होमगार्ड बह गया। प्रदेश में अन्य नदी-नाले भी उफान पर हैं। वहीं, गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह भूस्खलन होने से अवरुद्ध हो गया है। दून में रात से ही समेत कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है। सड़कें तालाब बन गई है, जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जुलाई तक मौसम के मिजाज में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। विभाग ने 28 और 29 जुलाई के लिए देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है।

  • सेलाकुई ने सरना नदी के बीच मे स्थित डबल लाइन 33केवी का पोल बह गया। इससे सेलाकुई सर्किट एक और दो को विद्युत आपूर्ति होती थी।
  • मालदेवता रोड पर सड़क पर मलबा आने के कारण पहाड़ों को जाने वाला रास्ता बाधित है। किसी तरह की जनहानि नहीं है। जेसीबी से सड़क पर मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है।कालसी-चकराता मोटर मार्ग समेत 16 रास्ते बंद

    बारिश से जगह-जगह पहाड़ दरकने से जौनसार बावर में कालसी-चकराता मोटर मार्ग समेत 16 रास्ते बंद हो गए। जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहलाने वाले कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर हुए भूस्खलन के चलते भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात बाधित हो गया है। इससे जौनसार बावर के किसान अपनी कृषि उपज को मंडी भी नहीं ले जा पाए, जहां-तहां टमाटर मूली मिर्च आदि ऊपर से भरे वाहन खड़े हुए हैं, वाहनों में बैठे किसान यातायात सुचारू होने के इंतजार में है। बारिश से लोक निर्माण विभाग साहिया खंड के नौ और पीएमजीएसवाई कालसी के सात रास्ते बंद हुए। इससे जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर कि ग्रामीण गांव में कैद होकर रह गए हैं। आवागमन ठप होने से जौनसार बावर में जनजीवन प्रभावित हुआ है। विभागों के अधिशासी अभियंता ने मौके पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी भेजी है।

    जगह-जगह- जलभराव से बढ़ी परेशानी

    रुड़की में सुबह से हो रही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। शहर और देहात में जगह-जगह जलभराव है। कई मोहल्लों में तो घरों तक में पानी भर गया है। जिससे क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मोहनपुरा, सुनहरा, साउथ सिविल लाइन, पुरानी तहसील, अंबर तालाब, सलेमपुर व प्रीत विहार सहित अनेक मोहल्लों में जलभराव हो गया है। वहीं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है। इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

    मसूरी-देहरादून हाईवे रहा बाधित

    मसूरी-देहरादून हाईवे गलोगी धार और शिव मंदिर-मैगी पॉइंट में बीच यातायात के लिए कई घंटों सड़क पर मलबा आने से बंद रहा। पीडबल्यूडी के जेई पुष्पेंद्र ने बताया कि लगभग नौ बजे यातायात के लिए खोल दिया है। सड़क बंद होने से मसूरी को दूध सप्लाई वाहन 10 बजे पहुंच पाए।

    सौंग में उफान से दहशत में ग्रामीण

    दून घाटी व पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिस से नदी नाले उफान पर हैं। सौंग नदीं का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्र गौहरीमाफी व साहब नगर गांव के लोग दहशत में हैं। बीते दिनों सौंग नदी में आए उफान से साहबनगर व गौहरीमाफी में अस्थायी बाढ़ सुरक्षा कार्य पहले ही ध्वस्त हो चुके हैं। ऐसे में अब नदी का रुख गांव की तरफ मुड़ गया है। कई तारजाल क्षतिग्रस्त हुए हैं और इन जगहों से बाढ़ के पानी का गांव में घुसने का खतरा बना हुआ है।

    टिहरी फार्म एक नंबर में कई जगहों पर भूमि कटाव हो रहा है। साहबनगर व गौहरीमाफी बाढ़ के लिहाज से अति संवेदनशील है, यहां सौंग नदी हर साल व्यापक तबाही मचाती है। साहबनगर के ग्राम प्रधान ध्यान सिंह असवाल ने बताया कि उफान से बाबा रामदेव के आश्रम की जमीन में तेजी से कटाव शुरू हो गया है। वहीं श्यामपुर में ग्वेला नाला उफान पर है जिससे नाले के दूसरी तरफ बसे 35 परिवारों के आवागमन का मार्ग बाधित हो गया है। उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है।बारिश का सिलसिला जारी 

    प्रदेश में शनिवार से जारी बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि इसके बाद पहाड़ से लेकर मैदान तक आसमान में बादलों का डेरा रहा, लेकिन बारिश थमी रही। इससे आम जन ने भी राहत की सांस ली है। पहाड़ों में जगह-जगह मलबा आने से सड़कें बंद होने के चलते आवश्वयक सामाग्री की आपूर्ति भी बाधित हुई है। प्रदेश में करीब तीन सौ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। कुमाऊं में भी हालात गढ़वाल मंडल की तरह ही हैं। चम्पावत जिले में टनकपुर-चम्पावत हाईवे चौथे दिन भी बंद रहा। पिथौरागढ़ जिले का उच्च हिमालयी दारमा मार्ग 41 दिन से बंद है। इससे तीन दर्जन गांव अलग-थलग पड़े हैं।

    देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में देहरादून और नैनीताल के अलावा उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से भारी बारिश हो सकती है। वहीं शुक्रवार और शनिवार को कुमाऊं के नैनीताल, चम्पावत और पिथौरागढ़ में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन दिनों में नदी किनारे की बस्तियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed