उत्तराखंड: योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए हर जिले को देने होंगे स्वरोजगार के आंकड़े

0

मुख्यमंत्री कार्यालय में स्वरोजगार योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से संचालित की जा रही योजनाओं की समीक्षा की। कमेटी ने स्वरोजगार के संबंध में कई सुझाव दिए। इनमें कहा गया कि स्वरोजगारपरक योजनाओं में जनपद स्तर पर लाभार्थियों का विवरण तैयार किया जाए। साथ ही कितनों को रोजगार दिया गया, इसका भी पूरा ब्योरा दिया जाए। ताकि सरकार को पता लगे कि जिला स्तर पर कितने लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल रहा है।

पटेलनगर स्थित उद्योग निदेशालय में मंगलवार को कमेटी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। कमेटी के अध्यक्ष व उत्तराखंड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी के अलावा नामित सदस्य हार्क संस्था के प्रमुख महेंद्र सिंह कुंवर व उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बैठक में सरकार की प्राथमिकताएं गिनवाई। कमेटी के अध्यक्ष नेगी ने कहा की योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे और राज्य में रोजगार के गुणवत्तायुक्त अवसर सृजित हो सकें, इसका विशेष ध्यान रखना है। इस बात पर नाराजगी जताई कि मशरूम उत्पादन योजना में लाभार्थियों को गुणवत्तायुक्त मशरूम स्पाउन नहीं मिल पाता है, जिससे राज्य के पर्वतीय जनपदों में मशरूम का गुणावत्तायुक्त उत्पादन नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने मधुमक्खी पालन क्षेत्र में विस्तार की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से संचालित केंद्रों को लाभ राज्य व जिला स्तर तक कृषकों एवं उद्यान उद्यमियों को मिलना चाहिए। फल उत्पादन को बढ़ावा देने से ग्रामीण क्षेत्र के कृषक अपनी आजीविका सुदृढ़ कर सकते हें। कहा कि उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं में फल क्षेत्र का विस्तार, माइक्रो फूड प्रोसेसिंग में तकनीकी उन्नयन, वेल्यू एडीशन कर उन्हें मार्केटिंग की सुविधा बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने उद्योग निदेशालय को निर्देशित किया की कि वह सेल को उद्यान विभाग की ओर से संचालित समस्त स्वरोजगारपरक योजनाएं, जिसमें रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं उनकी सूची यथाशीघ्र उपलब्ध करवाएं। बैठक में उपनिदेशक उद्योग डा.एमएस सजवाण, रजनीश पांडे आदि मौजूद रहे।

गढ़वाल मंडल में दी जा रही सुविधाएं

उद्यान विभाग की ओर से गढ़वाल मंडल के संयुक्त निदेशक डा.रतन कुमार ने बैठक में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से संचालित उद्यानीकरण कार्य, पालीहाउस का निर्माण, मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्ट, नए उद्यानों की स्थापना, पौधशाला व नर्सरी की स्थापना, मशरूम उत्पादन, ग्रीन हाउस का निर्माण, ड्रिप सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण और  मूल्य वृद्धि प्रबंधन आदि योजनाएं का लाभ किसान व बागवानों को दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed