उत्तराखंड: पदोन्नति सूची की विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर शिक्षक लामबंद

शिक्षा विभाग में पदोन्नति सूची में हर साल भारी विसंगतियां सामने आती रही हैं। सूची जारी होने पर अंतिम सूची में उत्तर प्रदेश को कार्यमुक्त हुए शिक्षक, पूर्व में पदोन्नत शिक्षक, दिवंगत शिक्षक, सेवानिवृत्त, सेवा विस्तार वाले शिक्षकों का नाम भी होता है। जबकि, इन शिक्षकों का नाम सूची में होने का कोई फायदा नहीं। इससे कई पात्र शिक्षकों की पदोन्नति का इंतजार बढ़ जाता है। शिक्षकों ने विभाग से इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की है।
उत्तराखंड में करीब 1200 प्रवक्ता और 670 हेड मास्टर के पदों पर पदोन्नति होनी हैं। इसके लिए डीपीसी होने से पहले शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री और विभाग से पूरी प्रक्रिया में सुधार की मांग की है। शिक्षकों ने पदोन्नति सूची के साथ वेटिंग लिस्ट जारी करने और पदोन्नति की अंतिम सूची की विसंगतियां दूर करने की मांग की है। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने कहा कि पदोन्नति सूची जारी होने के बाद कई शिक्षक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं। ऐसे में यह पद खाली छूट जाते हैं।
विभाग को पदोन्नति सूची जारी करने के साथ 25 फीसद अतिरिक्त वेटिंग लिस्ट जारी करनी चाहिए। ताकि अगर कोई शिक्षक ज्वाइनिंग नहीं लेता तो बाद के शिक्षकों को मौका दिया जा सके। एक बड़ी समस्या यह भी है कि पदोन्नति की अंतिम सूची में उत्तर प्रदेश को कार्यमुक्त हुए शिक्षक, पूर्व में पदोन्नत शिक्षक, दिवंगत शिक्षक, सेवानिवृत्त, सेवा विस्तार वाले शिक्षकों का नाम भी होता है। जबकि इन शिक्षकों का नाम सूची में होने का कोई फायदा नहीं। पदोन्नति सूची की यह विसंगतियां दूर होना जरूरी है। उन्होंने शिक्षा मंत्री और विभाग से तत्काल इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की।
प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति में शिथिलता पर विचार
शासन की ओर से हेड मास्टर से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में शिथिलता बरतने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादा लोग को पदोन्नति का लाभ मिल सके और प्रधानाचार्य पद खाली न रहें इसके लिए हेड मास्टर से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की अर्हता पांच वर्ष से घटाकर ढाई वर्ष किए जाने पर विचार किया जा रहा है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि आने वाली कैबिनेट में यह मामला प्रस्तुत किया जाएगा।