दून में पूर्व कर्मचारी ने फर्जी दस्तावेज से बेच दी डीटीसी की जमीन, ऐसे खुला मामला
दून की चाय कंपनी डीटीसी इंडिया लिमिटेड की जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने का मामला सामने आया है। कंपनी के ही एक पूर्व कर्मचारी पर यह धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस संबंध में कंपनी के निदेशक ने प्रेमनगर थाना पुलिस के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया है। इस प्रकरण में कंपनी की तरफ से कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उक्त भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण करने पर रोक लगा दी है।
आरकेडिया में डीटीसी इंडिया लिमिटेड की काफी जमीन है। इस जमीन के अधिकांश हिस्से में चाय बागान है। कुछ हिस्से में स्टाफ क्वार्टर बने हैं और बाकी जमीन खाली पड़ी है। कंपनी के निदेशक डीके सिंह ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि कंपनी का एक कर्मचारी वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हुआ था, जिसे कंपनी ने क्वार्टर भी उपलब्ध कराया था। सेवानिवृत्त होने के बाद उसने क्वार्टर खाली नहीं किया। ऐसे में कंपनी की तरफ से क्वार्टर खाली करने के लिए नोटिस दिया गया। इसके बावजूद उसने क्वार्टर कब्जाए रखा।
आरोप है कि इसी दौरान उसने कुछ व्यक्तियों के साथ मिलकर जिस जमीन पर स्टाफ क्वार्टर बने हुए हैं, उसे और उसके आसपास की जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर 70 लाख रुपये में बेच दिया। वर्तमान में इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग तीन करोड़ रुपये है। इसकी जानकारी डीके सिंह को इसी मई में हुई, जब जमीन खरीदने वाले नपाई करने पहुंचे। कंपनी के कर्मचारियों ने यह सूचना दी तो डीके सिंह मौके पर पहुंचे और उक्त व्यक्तियों से नपाई की वजह पूछी। इस पर उन्होंने बताया कि उक्त जमीन खरीद ली है।
डीके सिंह ने इसके दस्तावेज दिखाने को कहा। उक्त व्यक्तियों ने जो दस्तावेज दिखाए, उसमें आरोपित पूर्व कर्मचारी ने खुद को जमीन का मालिक दर्शाकर उसे बेचा था। इसकी शिकायत पुलिस से करने के साथ निदेशक ने कोर्ट में भी याचिका दायर की थी। जिस पर बीती नौ जुलाई को उन्हें कोर्ट से जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण न किए जाने संबंधी स्टे मिल गया। प्रेमनगर थानाध्यक्ष धनराज बिष्ट ने बताया कि दोनों पक्षों ने कोर्ट में वाद दायर किया हुआ है।