दून से दिल्ली और आगरा के लिए संचालित तीन डग्गामार बसें सीज, तीन दिन चला ये विशेष अभियान

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दून से दिल्ली और आगरा के लिए संचालित तीन डग्गामार निजी बसों को परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने सीज कर दिया। हरिद्वार बाइपास से इन बसों का संचालन हो रहा था। तीन दिवसीय विशेष चेकिंग अभियान में 14 वाहन सीज, जबकि 184 का चालान किया गया। सीज वाहन में चार निजी बस भी शामिल हैं।

आइएसबीटी के पास हरिद्वार बाइपास से रोजाना अवैध रूप से निजी बस संचालित हो रहीं। ये बसें दिल्ली, आगरा, फरीदाबाद समेत गुरूग्राम, जयपुर, गोरखपुर, लखनऊ व कानपुर के लिए संचालित होती हैं। हैरत की बात यह है कि उत्तराखंड में कोविड के मद्देनजर बाहर से आने वालों के लिए 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट लाना और स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बावजूद इसके इन बस में आने-जाने वाले यात्रियों पर कोई लगाम नहीं है। दो दिन पहले भी परिवहन विभाग ने आगरा से आ रही ऐसी बस सीज की थी जिसमें 74 यात्री थे और किसी के पास भी कोरोना की जांच रिपोर्ट और स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण नहीं था।

इस संबंध में आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने खुद हरिद्वार बाइपास पहुंचकर अवैध रूप से संचालित हो रहे बस अड्डे का निरीक्षण किया था। साथ ही प्रवर्तन टीम को गुरुवार से शनिवार तक विशेष चेकिंग के आदेश दिए गए थे। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि शनिवार को भी तीन बसें सीज की गईं। इसके साथ ही एक लोडर और एक निजी कार भी सीज की गई। निजी कार का प्रयोग टैक्सी के रूप में किया जा रहा था। एक ट्रक को भी सीज किया गया, जो 18 टन की क्षमता के बदले 37 टन भार ला रहा था।

क्षेत्रीय जन करेंगे आंदोलन

हरिद्वार बाइपास स्थित इंद्रलोक विहार विकास सोसाइटी के निवासियों ने अवैध बस संचालन के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। सोसाइटी के सचिव नित्यानंद जोशी ने इस सिलसिले में प्रशासन व परिवहन विभाग को पत्र भेज कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि पूरा दिन कालोनी के बाहर से अवैध बसों का संचालन किया जा रहा। यहां अवैध रूप से बस अड्डा बना दिया गया है। सोसाइटी ने चेतावनी दी कि अगर 17 जुलाई तक बसों का संचालन नहीं किया गया तो 18 जुलाई से क्षेत्रीय जन धरना-प्रदर्शन करेंगे।

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