आज कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, पिथौरागढ़ में मलबे से 12 सड़कें बंद, नदियां उफान पर
राजधानी देहरादून के अलावा पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी जैसे जिलों में शनिवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से इन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से सारे एहतियाती कदम उठाए जाने की जरूरत बताई है।
नदियों, नालों के किनारे बसेे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की भी जरूरत है। भारी बारिश के चलते संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन के साथ ही कहीं-कहीं पहाड़ी इलाकों में नदियोें में तेज जलप्रवाह की पूरी संभावना है।
जहां तक राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों का सवाल है तो मौसम विभाग की ओर से शनिवार को तेज गर्जना के साथ कई दौर की बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहेगा।
भारी उमस के चलते बेहाल रहे दूनवासी
राजधानी दून व आसपास के इलाकों में अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री होने से लोगों को शनिवार को भी जबरदस्त गर्मी का सामना करना पड़ा। हालांकि, मौसम विज्ञानियों ने देहरादून व आसपास के इलाकों में शुक्रवार को बारिश की संभावना जतायी थी, लेकिन मौसम ने एक बार फिर गच्चा दे दिया और लोगोें को जबरदस्त गर्मी का सामना करना पड़ा।
पिथौरागढ़ में मलबे से 12 सड़कें बंद, नदियां उफान पर
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण आठ ग्रामीण और चीन सीमा को जोड़ने वाली चार सड़कें बंद हैं। सड़कों के बंद होने से लोग परेशान हैं। नदियां भी उफान पर हैं। इससे नदी किनारे रह रहे लोग सहमे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने की अपील की है।
सीमांत जिले के धारचूला में सर्वाधिक 29.80 मिमी बारिश हुई। डीडीहाट में 29.5, गंगोलीहाट में 20, बेड़ीनाग में 19.5 और मुनस्यारी में 15.4 मिमी बारिश हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली छेड़ा-कुमयाचौड़, बांस-आंवलाघाट, कुसेरी बैंड-सिलौनी, स्यांकुरी-धामीगांव, छिरकिला-जम्कू, गलाती-रमतोली, सोसा-सिर्खा, तवाघाट-थानीधार सड़कें बंद हैं।
चीन सीमा को जोड़ने वाली घट्टाबगड़-लिपुलेख, पिथौरागढ़-तवाघाट, तवाघाट-सोबला, सोबला-दर तिदांग सड़क पिछले कई दिनों से बंद हैं। इस कारण चीन सीमा से संपर्क कटा हुआ है। भारी बारिश के कारण काली नदी 888.20 मीटर पर बह रही है। इसके खतरे का निशान 890.00 मीटर है। सरयू नदी 446.40 पर बह रही है। इसके खतरे का निशान 453.00 मीटर है।