राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

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प्रदेश के लिए संघर्ष करने वाले आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने संबंधी बिल को लागू करने की मांग करते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने विकासनगर के तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले आंदोलनकारियों को उचित सम्मान तक नहीं मिल रहा है। उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देने के लिए विधानसभा में पारित बिल को लागू कराने की मांग सरकार से की। कहा कि यह बिल विधानसभा से पारित होकर राज्यपाल की स्वीकृति के लिए गया हुआ है। यदि सरकार चाहे तो राज्यपाल से अपील करके बिल को लागू करा सकती है। उन्होंने कहा कि अलग प्रदेश बनवाने के लिए आंदोलन की शुरुआत करने वाले इंद्रमणि बडोनी को राज्यपिता का दर्जा दिए जाने पर भी सरकार को फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश में 22 हजार भर्तियों की घोषणा की है। इन भर्तियों में 10 फीसद के हिसाब से पद को पैंडिग रखा जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इन 10 फीसद पदों पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को योग्यता के आधार पर नियुक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आंदोलनकारियों को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर एक माह के भीतर निर्णय नहीं लेती है तो समिति प्रदेशभर में आंदोलन चलाएगी। उन्होंने अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। प्रदर्शनकारियों में गुलफाम जान, दिनेश कुमार, टीटू राम, शोएब, अहसान राव, निशांत, इम्तियाज, आयान, साहिल, समीर, इस्लाम, अनिल, गालिब हसन, महबूब, बुंदु आदि शामिल रहे।

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