उत्तराखंड में आपदा राहत में मिलेगी त्वरित हवाई मदद

मानसून सीजन के मद्देनजर गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों में हेलीकाप्टर तैनात कर दिए गए हैं। गढ़वाल मंडल में हेलीकाप्टर गौचर और कुमाऊं मंडल में हेलीकाप्टर पिथौरागढ़ में तैनात किया गया है। आपदा व अन्य अपरिहार्य स्थिति में इनका इस्तेमाल राहत कार्यों के लिए किया जाएगा।
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील राज्य है। विशेषकर मानसून में यहां आपदा आने की आशंका अधिक रहती है। इस दौरान बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं होती हैं। इस तरह की आपदा में अकसर प्रभावित क्षेत्रों के संपर्क मार्ग बाधित हो जाते हैं, जिससे राहत व बचाव कार्यों में परेशानी होती है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने राहत कार्यों के लिए गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों में एक-एक हेलीकाप्टर तैनात करने का निर्णय लिया। इनके जरिये प्रभावितों तक तत्काल मदद पहुंचाई जा सकेगी और जरूरत पडऩे पर घायलों को इलाज के लिए बड़े अस्पतालों तक लाया जा सकेगा। यह व्यवस्था बीते दो वर्षों से चल रही है, हालांकि बीते वर्ष कुमाऊ मंडल के लिए हेलीकाप्टर का संचालन नहीं हो पाया था। इस वर्ष सरकार के निर्देशों के बाद यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) ने हेलीकाप्टर कंपनियों के टेंडर आमंत्रित किए। इसके लिए पहले टेक्नीकल और फिर फाइनेंशियल बिड खोली गई। फाइनेंशियल बिड के बाद यूकाडा ने पवनहंस और पेनेकल कंपनी का चयन हेली सेवा के लिए कर लिया। इस बीच एक अन्य कंपनी केस्ट्रल ने यूकाडा में आपत्ति दर्ज कराई।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों के टेंडर फाइनल किए जा रहे हैं, उन्होंने दस्तावेज पूरे नहीं लगाए। शिकायत सही पाए जाने पर पुराने टेंडर निरस्त करते हुए नए सिरे से टेंडर आमंत्रित किए गए। इसमें गढ़वाल मंडल का टेंडर केस्ट्रल एविएशन और कुमाऊं मंडल का टेंडर इंडोकाप्टर प्राइवेट लिमिटेड को मिला। दोनों ही कंपनियों ने अब अपने हेलीकाप्टर तैनात कर दिए हैं। यूकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि दोनों हेलीकाप्टर तैनात किए जा चुके हैं। इससे राहत बचाव कार्यों में आसानी होगी।