चंद घंटों बाद हवा से बातें करेगी शक्तिशाली मिसाइल अग्नि प्राइम, परीक्षण की तैयारियां पूरी

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अग्नि 1 का अत्याधुनिक रूप कहे जाने वाला अग्नि प्राइम नामक मिसाइल (Agni Prime Missile) के परीक्षण की सारी तैयारियां मानो पूरी कर ली गई है आज यानी कि सोमवार को इस नए किस्म के मिसाइल को हवा में उड़ाने की तैयारी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने कर ली है।

जानें मिसाइल की खूबियां 

इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है इस मिसाइल में अग्नि 4 मिसाइल जिसकी मारक क्षमता 4000 किलोमीटर है तथा अग्नि 5 मिसाइल यानी कि जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर की है उनकी खूबियों को इस अत्याधुनिक मिसाइल अग्नि प्राइम में शामिल किया गया है।

अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 1500 किलोमीटर है लेकिन यह मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित है इस मिसाइल के परीक्षण हो जाने से भारत के मिसाइल बेड़े में एक और जहां नयी मिसाइल शामिल होगी वहीं दूसरी ओर भारत के रक्षा ताकत में इजाफा होगा।

यहां उल्लेखनीय है कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा रक्षा विभाग की ओर से तथा डीआरडीओ की ओर से यानी की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर बालेश्वर के चांदीपुर के एल सी 1 एल सी 2 और एल सी 3 नामक परीक्षण केंद्र तथा अब्दुल कलाम द्वीप के एल सी 4 परीक्षण केंद्र से समय-समय पर छोटे-छोटे रॉकेट से लेकर विभिन्न प्रकार के मिसाइलों और भारी-भरकम मिसाइलों जिसमें बैलेस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल दोनों प्रकार के मिसाइल शामिल हैं का परीक्षण किया जाता रहा है।

मिसाइल के क्षेत्र में भारत पूरे विश्व में मील का पत्थर

सूत्रों की माने तो यह परीक्षण आने वाले दिनों में और बड़ी तादाद में किए जाने की संभावना है। इस परीक्षण को देखते हुए विश्व के कई देश नाराजगी जाहिर कर सकते हैं लेकिन भारत अपनी ताकत अपनी क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से आज विश्व के मानचित्र पर अपना एक नया चेहरा उजागर कर चुका है। मुख्यतः मिसाइल के क्षेत्र में भारत आज पूरे विश्व में मानो मील का पत्थर साबित हो चुका है आज भारत जितनी भी मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। अधिकांश मिसाइलें स्वदेशी ज्ञान कौशल से बने हुए हैं मेक इन इंडिया के तहत आज भारतीय वैज्ञानिक विदेशी देशों पर निर्भर ना करके खुद अपने परिश्रम से अपने देश में अपना मिसाइल निर्माण करने में लगे हैं। इनमें से कई मिसाइलों की चाहत आज विश्व बाजार में हो चुकी है। विश्व के कई देश भारतीय मिसाइलों को खरीदने की चाह रखने लगे हैं।

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