प्रदेश में ब्लैक फंगस के 21 नए मरीज आए, छह संक्रमितों की हुई मौत
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार बृहस्पतिवार को देहरादून जिले में 21 नए मरीज मिले और छह मरीजों की मौत हुई है। देहरादून जिले में कुल मरीजों की संख्या 319 हो गई है।एम्स ऋषिकेश में सबसे ज्यादा 220 मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रदेेश में अब तक ब्लैक फंगस के 356 मरीज हो गए है। जबकि 56 की मौत हो चुकी है। 31 मरीजों ने ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग जीती है।
ब्लैक फंगस से गौरव ने गंवाई एक आंख और जबड़ा
हरिद्वार में ज्वालापुर का गौरव सिंह चौहान 24 दिनों से एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से जंग लड़ रहा है। फंगस से एक आंख गंवा चुका है। जिंदगी बचाने के लिए उसका जबड़ा और नाक की हड्डी तक निकालनी पड़ी है। गौरव की जंग बीमारी ही नहीं बल्कि आर्थिक तंगहाली से भी है। नाते-रिश्तेदारों के बाद क्षत्रिय समाज की पहल पर गौरव की मदद के लिए सैकड़ों हाथ बढ़े हैं। क्षत्रिय समाज ने सवा दो लाख रुपये जुटाए हैं।
28 वर्षीय गौरव चौहान पर बुजुर्ग मां, छोटा भाई, पत्नी और दो बेटों की जिम्मेदारी है। गौरव कचहरी में एक वकील के यहां स्टांप बेचकर परिवार चलता है। गौरव एक मई को कोविड पॉजिटिव आया था। 11 मई को डिस्चार्ज हो गया था। कमजोरी कम नहीं हुई। शिवालिक नगर में एक निजी डॉक्टर की सलाह पर गौरव ने ताकत की कुछ दवाएं खानी शुरू कर दी। दवा खाते ही उसकी आंखों में धुंधलापन की शिकायत होने लगी।
आंखों का सीटी स्कैन कराया तो ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। 17 मई को गौरव एम्स ऋषिकेश भर्ती हो गया। पांच जून की रात उसकी जान बचाने के लिए दांयी आंख, जबड़ा और नाक की हड्डी निकालनी पड़ी। भेल क्षत्रिय समाज के महामंत्री ठाकुर सचिन चौहान ने बताया कि किसी परिचित ने उन्हें गौरव की बीमारी और तंगहाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उसकी मदद के मुहिम शुरू की। अपने ही समाज के लोगों से एक-दो हजार रुपये का सहयोग मांगा और सवा दो लाख एकत्र हो गए हैं।