उत्तराखंड में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए सरकार प्राइवेट हेल्थ सेक्टर से भी लेगी सहयोग
प्रदेश में 18 से 44 आयुवर्ग के व्यक्तियों के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए सरकार प्राइवेट हेल्थ सेक्टर से भी सहयोग लेगी। इस संर्दभ में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने गुरुवार को देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के निजी चिकित्सा संस्थान प्रबंधन व उद्यमियों के साथ बैठक की। बैठक में निजी चिकित्सालयों व उद्योग इकाईयों के सौ प्रनिनिधियों ने भाग लिया।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 आयुवर्ग के व्यक्तियों की संख्या लभगग 50 लाख है। केंद्र सरकार वर्तमान में जो वैक्सीन उपलब्ध करा रही है उससे टीकाकरण कार्यक्रम में अधिक समय लग रहा है। ऐसे में निजी चिकित्सालयों व प्रमुख उद्योग इकाईयों के बीच समन्वय स्थापित किए जाने के लिए विचार-विमर्श किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डा. सरोज नैथानी ने बताया कि पूर्व में जब 45 साल से अधिक के व्यक्तियों का टीकाकरण संचालित किया गया था, तब 131 निजी स्वास्थ्य इकाईयों से कोविड वैक्सीनेशन का कार्य कराया जा रहा था। जबकि 18-44 आयुवर्ग के व्यक्तियों का टीकाकरण चार निजी स्वास्थ्य इकाईयों में हो रहा है। वहीं 27 निजी चिकित्सालयों ने वैक्सीन क्रय का कार्य शुरू कर दिया है। इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि प्रमुख उद्योग इकाईयां निजी स्वास्थ्य संस्थानों में अपने कर्मचारियों व उनके आश्रितों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करें, ताकि यथासमय टीकाकरण का कार्य पूरा हो सके।
बैठक में उद्योग इकाईयों से सुझाव प्राप्त हुआ है कि राज्य सरकार निजी अस्तपालों में कोविड टीकाकरण के लिए यूजर्स चार्ज को भी निर्धारित करें। भारत सरकार ने निजी चिकित्सा इकाईयों में कोविड टीकाकरण की एक खुराक की कीमत 900 रुपये निर्धारित की गई है। साथ ही चिकित्सालय के उद्योग इकाईयों के कार्यस्थल में जाकर टीकाकरण कराए जाने के लिए यूजर चार्ज लिया जाना भी निर्धारित है। हालांकि इसकी राशि निर्धारित नहीं की गई है। उद्योग इकाईयों के प्रतिनिधियों ने कहा कि गुरुग्राम में यूजर प्रति खुराक 250 रुपये निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार उत्तराखंड में भी यूजर चार्ज निर्धारित किया जाना चाहिए। बैठक में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया, उद्योगपति संजय गुप्ता, राजन कपूर, राजीव घई आदि मौजूद रहे।