दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड पर टूटा कहर, पिछले माह सबसे अधिक रही मृत्यु दर

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देश के तमाम हिस्सों में कोरोना का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड के लिहाज से पिछला महीना बेहद चुनौतीपूर्ण और दुखद गुजरा। इसलिए कि दिल्ली समेत इन राज्यों में कोरोना मृत्यु दर सबसे अधिक रही। दिल्ली में मई महीने में कोविड मृत्यु दर 2.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी। यह दर देश के बड़े राज्यों से भी अधिक थी और इस महीने राष्ट्रीय औसत (1.3 प्रतिशत) से दोगुनी से भी ज्यादा थी।

दिल्ली की ही तरह देश के दो अन्य राज्यों में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से ज्यादा रही। ये राज्य हैं पंजाब और उत्तराखंड। पंजाब में मई में कोरोना मृत्यु दर 2.7 रही तो उत्तराखंड में 2.7 दर्ज की गई।

ध्यान रहे कि कोरोना के लिहाज से मई का महीना सबसे त्रासद रहा। इस महीने देश के तमाम हिस्सों से 1,19,183 मौत की खबरें आईं। यह संख्या किसी महीने में, किसी भी देश में हुई मौतों के हिसाब से भी सबसे ज्यादा है। दिल्ली में पिछले महीने 8090 मौतें हुईं और करीब 2.8 लाख कोरोना के मामले आए। इस वजह से मृत्यु दर 2.9 तक पहुंच गई। केवल अंडमान निकोबार (4.2) और नगालैंड (3.4 फीसदी) में ही मई में दिल्ली से अधिक मृत्यु दर रही।

कई और राज्यों में भी मचा हाहाकार
पिछले महीने देश के हर हिस्से में कोरोना ने तबाही मचाई लेकिन नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अकेले इसी महीने में इतनी मौतें हुईं जितनी अब तक कुल मिलाकर हुई हैं। असम में अकेले मई महीने में कुल मौतों का 61 फीसदी हिस्सा रहा। वहां कुल 3385 मौतें हुईं और पिछले ही महीने 2058 लोगों की जान गई।

कुंभ प्रदेश उत्तराखंड में 59 प्रतिशत मौतें पिछले महीने हुईं। इसके बाद गोवा में 56 फीसदी मरीजों की जान गई तो हिमाचल और बिहार में 53 और 50 प्रतिशत मरीजों की मौत केवल मई के महीने में ही हुई हैं। गौरतलब है कि यहां हम इस साल यानी दूसरी लहर में होने वाली त्रासदी की बात कर रहे हैं।

अगर संख्या के लिहाज से देखें तो मई में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। महाराष्ट्र में बीते महीने 26,531 मरीजों की जान गई। इसके बाद कर्नाटक (13,532) और फिर तमिलनाडू में 10,186 कोरोना मरीजों की जान चली गई। संख्या के लिहाज से दिल्ली चौथे नंबर पर है।

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