जून में उपलब्ध होंगी वैक्सीन की 12 करोड़ डोज, केंद्र ने राज्यों को दी जानकारी, उसी के अनुरूप तैयारी करने को कहा
पिछले साढ़े चार महीने में देश में जितनी वैक्सीन लगी हैं, उसका लगभग 60 फीसद अकेले जून में लगने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून में वैक्सीन की 12 करोड़ डोज उपलब्ध होने का दावा किया और इसकी सप्लाई की समय-सारिणी भी राज्यों को भेज दी है। ध्यान देने की बात है कि 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण में अभी तक वैक्सीन की 21 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में गुणात्मक बढ़ोतरी का दावा करते हुए कहा कि मई की तुलना में जून में डेढ़ गुना ज्यादा डोज उपलब्ध होंगी, जो जुलाई में बढ़कर दो गुना से भी ज्यादा हो जाएंगी। उनके अनुसार मई में देश में कुल सात करोड़ 94 लाख डोज उपलब्ध कराई गई और जून में 11 करोड़ 96 लाख डोज उपलब्ध होंगी। 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ डोज के हिसाब से देंखे तो जुलाई महीने में 18 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी। इस हिसाब से जहां जून में प्रतिदिन लगभग 40 लाख डोज लगानी होगी, वहीं जुलाई में प्रतिदिन 60 लाख डोज देनी होंगी।
अधिकारी ने कहा कि राज्यों को वैक्सीन की डोज की उपलब्धता की समय-सारिणी भेज दी गई है, ताकि वे उसी के अनुरूप टीकाकरण अभियान की रूपरेखा तैयार कर सकें। जून महीने उपलब्ध होने वाली कुल 11.96 डोज में से 6.10 करोड़ डोज केंद्र सरकार मुफ्त में राज्यों को उपलब्ध कराएगी, जो हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ-साथ 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र के लिए 5.86 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी, जिन्हें 18 से 44 साल के लोगों को लगाया जाएगा। वैसे सरकार ने ये साफ नहीं किया है कि 11.96 करोड़ डोज में कोवैक्सीन और कोविशील्ड का अनुपात क्या होगा। लेकिन यह तय है कि इसमें स्पुतनिक-वी को शामिल नहीं किया गया है। डा. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने जून महीने में हर हफ्ते 10 लाख स्पुतनिक-वी के डोज लगाने जाने का एलान किया है। जाहिर है इससे वैक्सीन की उपलब्धता में और इजाफा होगा।
जून में सीरम 10 करोड़ डोज देने सप्लाई करेगी
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने सरकार को बताया है कि वह जून में कोविशील्ड की नौ से 10 करोड़ डोज उत्पादन और सप्लाई करने में सक्षम होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में सीरम ने बताया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उसके कर्मचारी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। कंपनी ने कहा है कि भारत सरकार के सहयोग से वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने की कोशिश कर रही है।