दिल्ली पुलिस का छापा : ऑक्सीजन के 32 बड़े और 16 छोटे सिलिंडर बरामद, कालाबाजारी में चार धरे

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सागरपुर थाना पुलिस ने एक मकान पर छापा मारकर अवैध रूप से ऑक्सीजन बेचने वाले एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है। उसके पास सिलिंडर बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने उसके कब्जे से 32 बड़े सिलिंडर और 16 छोटे सिलिंडर बरामद किए हैं। पुलिस कारोबारी से पूछताछ कर रही है।

दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि इलाके में गश्त के दौरान मुखबिर ने बीट सिपाही को बताया कि दशरथपुरी के एक मकान में अवैध रूप से ऑक्सीजन सिलिंडर रखे जाते हैं। सिपाही ने इस बात की जानकारी सागरपुर थाना प्रभारी को दी। पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित कर उक्त मकान पर छापा मारा। जहां से पुलिस ने सिलिंडर बरामद कर लिए।

जांच में पता चला कि मकान अनिल कुमार का है जिसका औद्योगिक गैस की आपूर्ति करने का कारोबार है। वह बड़े सिलिंडरों से गैस को छोटे सिलिंडरों में डालने के बाद उसे जरूरतमंदों को साढ़े 12 हजार में बेचता था। उसका गोदाम मायापुरी में है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी में दो पकड़े
एक अन्य मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी करते हुए दो अलग-अलग गिरोह का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को दबोचा है। आरोपियों के कुछ साथियों की पहचान हुई और उन्हें पकडने के लिए पंजाब, मेवात समेत एनसीआर में कई जगह दबिश दी जा रही है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। आरोपियों के पास से कुल 81 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। आरोपी एक इंजेक्शन की शीशी को 25 से 40 में बेचते थे।

अपराध शाखा डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि कालाबाजारी की सूचना मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया और एसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, एसआई मिंटू सिंह व धीरज की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने परमानंद चौक, जीटीबी अस्पताल के पास घेराबंदी कर गुरुद्वारा, सुल्तान विंग रोड, अमृतसर पंजाब निवासी तलविंदर सिंह उर्फ साजन को गिरफ्तार कर लिया। मौके से इसके कब्जे से तीन इंजेक्शन बरामद किए गए।

आरोपी ने पूछताछ स्वीकार किया है कि वह इंजेक्शन ब्लैक में बेच रहा था। आरोपी तलविंदर फार्मासिटिकल क्षेत्र से जुड़ा है। उसे पता था कि इंजेक्शन कहां-कहां से आसानी से मिल जाते हैं। वह दवा कंपनी से कोरियर कंपनी से इंजेक्शन मंगाता था और उसे महंगे दामों पर बेचता था। इसी कोरियर कंपनी के जएर देश भर में ब्लैक में बेचता था। कोरियन कंपनी के लड़के को पता था कि तलविंदर इंजेक्शन ब्लैक में बेचता है।

इसके बाद पुलिस टीम ने रोशनआरा रोड निवासी जितेन्द्र कुमार को चांदनी चौक से गिरफ्तार कर लिया। वह एक इंजेक्शन की सप्लाई पर साजन से दो हजार रुपये लेता था। इन दोनों के खुलासे के बाद एक टीम अमृतसर पंजाब छापेमारी करने भेजी गई है। इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने दूसरे गिरोह के शोएब और मोहन को बत्रा अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है। इनके पास से दस इंजेक्शन बरामद किए गए। तलविंदर व जितेन्द्र के कब्जे से 71 इंजेक्शन बरामद कि गए हैं।

आरोपियों ने एक नेटवर्क बना रखा था- 
कोरोना संक्रमण बढने के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ गई है। इस कारण इंजेक्शन आसानी से मार्केट में नहीं मिल रहा है। ये लोग ऊंचे दामों पर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे। बकायदा, इन्होंने अपना नेटवर्क बना रखा था जो मांग के हिसाब से इंजेक्शन एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता था।

दो आरोपी पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं- 
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए दो आरोपियों गोयल मेडिकल स्टोर के मालिक बसंत गोयल व उसके कर्मचारी रामोअबतार को गिरफ्तार किया था। ये इंजेक्शन को ब्लैक में महंगे दामों पर बेच रहे थे।

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