दिल्ली-एनसीआर में फर्जीवाड़ा : नौकरी का झांसा देकर 500 लोगों से करोड़ों की ठगी
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसमें पीएचडी डिग्रीधारक और दो इंजीनियर भी शामिल हैं। इन्होंने देशभर में 500 से ज्यादा लोगों से 7.50 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। आरोपी एक पीड़ित से 20 लाख रुपये तक लेते थे।
साइबर सेल डीसीपी अन्येष राय के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भुवनेश्वर निवासी मनोज होता(44), गुरुग्राम निवासी आशीष रंजन (26), अभिषेक कुमार (27), सोनू रावल (29) और शैक पिंटू(28) के रूप में हुई। मनोज होता गिरोह सरगना है और उसने एमबीए व पीएचडी किया हुआ है।
उन्होंने बताया कि उत्तम नगर निवासी एक युवक ने शिकायत दी थी कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने वाले लोगों के संपर्क में आया। जालसाजों ने इंनडीज कैरियर, जोटिक कैरियर, च्वाइस प्राइवेट लि., सैंडबीप एडू सॉल्यूशन, बीएसईपीएल एजुकॉन प्राइवेट लि. नाम से प्लेसमेंट एजेंसी चलाने का दावा किया गया था।
पीड़ित इनके झांसे में आ गया और दस्तावेज सत्यापन, प्रोफाइल योग्यता परीक्षण और सुरक्षा राशि के नाम पर उससे 20 लाख रुपये ले लिए। मामला दर्जकर एसआई विजेन्द्र, एसआई अजीत और सुनील की टीम ने जांच शुरू की। एसआई विजेन्द्र को जांच में पता लगा कि ठगों ने कई वेबसाइट और ई-मेल आईडी बना रखी हैं। ठगों ने पीड़ित युवक से कई बैंक खातों में पैसे जमा करवाए।
गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर कर रहे थे ठगी
आरोपी गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर ठगी कर रहे थे। एसआई विजेन्द्र की टीम ने कॉल सेंटर में दबिश दी और मनोज होता समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कॉल सेंटर से सात कंप्यूटर व लैपटॉप और 14 मोबाइल फोन बरामद किए गए। मनोज होता भुवनेश्वर कर रहने वाला है और बाकी आरोपी गुरुग्राम के रहने वाले हैं। मनोज से पुणे से एमबीए और पीएचडी एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से की है।
कारोबार में घाटा होने से बन गया था जालसाज
मनोज को कारोबार में घाटा हो गया था। इसके बाद इसने गुरुग्राम में कॉल सेंटर खोला था। ये लोगों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था। ये डाटा लेकर बेरोजगार युवकों को कॉल सेंटर से कॉल करते थे। इसने अपनी टीम में अच्छे पढ़े लिखे युवक रखे हुए थे। आशीष व अभिषेक ने इंजीनियरिंग की हुई है। ये दोनों की पीड़ित को हाईफाई अंग्रेजी बोलकर नौकरी लगवाने का झांसा देते थे।