उत्तराखंड के कई इलाकों में छाया रहा कोहरा, ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी

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राजधानी देहरादून समेत उत्तराखंड के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक कोहरा छाया रहा। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। देहरादून में शिमला बाईपास, मोहनपुर व अन्य खुले इलाकों में भी कोहरा छाया रहा। जबकि, पटेलनगर, निरंजनपुर, मोथरोवाला व अन्य इलाकों में सुबह नौ से साढ़े नौ बजे तक कोहरा देखने को मिला। 

बदरी-केदार और हेमकुंड साहिब में बर्फबारी
शुक्रवार को दिनभर मौसम खराब रहा और देर शाम को बदरी-केदार, हेमकुंड साहिब सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। जबकि जोशीमठ, गोपेश्वर, नंदप्रयाग, पोखरी, पीपलकोटी क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप रहा। मौसम के करवट लेने से ठंड बढ़ गई है।

वहीं केदारनाथ, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ समेत अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में दिनभर बादल छाए रहे। इस दौरान जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों के गांव बर्फ से लकदक
उच्च हिमालयी क्षेत्रों के गांव बर्फ से लकदक हो गए हैं। इन गांवों में पांच से सात फीट तक बर्फ गिरी है। यहां तापमान सामान्य से 10 डिग्री नीचे चला गया है। बर्फबारी के चलते सीमा पर ग्रामीणों को जहां परेशानी हो रही है, वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के जवान विपरीत परिस्थितियों में सीमा की लगातार गश्त कर रहे हैं।

सीमांत क्षेत्र धारचूला के चीन सीमा से लगे दारमा, व्यास और चौदास घाटी के गांव बर्फ से लकदक हैं। दारमा घाटी के गांव सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, बौन, फिलम, व्यास घाटी के बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, गुंजी, नाभी, रोंकांग, कुटी गांव में भी भारी बर्फबारी हुई है। यहां पांच से छह फुट बर्फ पड़ी है। इस बार सीमा पर सेना की आवाजाही बढ़ने से इन गांवों में काफी रौनक है।

अमूमन हर साल सर्दी से पहले यहां गांव के लोग नीचे माइग्रेशन में चले जाते थे, लेकिन इस बार ये लोग यहीं हैं।आपात स्थिति में इन गांवों के लोगों को आईटीबीपी, भारतीय सेना, बीआरओ और एसएसबी के जवान मदद कर रहे हैं। बर्फबारी के शुरू होने से पूर्व ही इन गांवों में छह माह का खाद्यान्न भेज दिया गया है। बर्फबारी के कारण ग्रामीणों को लकड़ी आदि की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही है।

बर्फबारी के कारण जमी पेयजल लाइनें 
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण पेयजल लाइनें जम गईं हैं। ग्रामीण बर्फ पिघलाकर पानी का प्रबंध कर रहे हैं। साथ ही सीमा पर तैनात जवान भी बर्फ पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं। 

निचले इलाकों में पाले ने बढ़ाईं मुश्किलें 
निचले क्षेत्रों में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है। इस कारण फसलें और बागवानी को काफी नुकसान हुआ है। रात में मौसम के साफ रहने से चंडाक, नैनीपातल, वड्डा, कनालीछीना और सतगढ़ में पाला पड़ रहा है। इसके बाद भी लोनिवि और बीआरओ पाला संभावित क्षेत्रों में चूने और नमक का छिड़काव नहीं कर रहे हैं। इस कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
शनिवार को ओलावृष्टि की संभावना
पश्चिमी विक्षोभ के पहुंचने से प्रदेशभर में शनिवार को मौसम के करवट लेने की संभावना है। पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी व बारिश मुश्किलें बढ़ा सकती हैं तो देहरादून व हरिद्वार समेत अन्य मैदानी इलाकों में ओलावृष्टि व बिजली गिरने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को 2200 मीटर व इससे ज्यादा ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। इनमें गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों के साथ ही कुमाऊं के पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा जिले के ऊंचाई वाले इलाके भी शामिल हैं। जबकि, इससे कम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

वहीं, देहरादून व हरिद्वार में ओलावृष्टि व बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है। मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार को जम्मू कश्मीर व हिमाचल के नजदीक पहुंचा है। 

शनिवार को यह उत्तराखंड में प्रवेश करेगा। इससे मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेशभर में बादल छाए रहेंगे। रविवार को भी पर्वतीय इलाकों में विक्षोभ का हल्का प्रभाव रहने की संभावना है। सोमवार से मौसम सामान्य हो सकता है।

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