बापू के अनमोल विचारों

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Mahatma Gandhi Jayanti 2020: देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में जिनकी भूमिका को सबसे अहम माना जाता है, वे हैं हमारे राष्ट्रपिता- महात्मा गांधी। दो अक्तूबर को उनकी जयंती है। उनका जन्म दो अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गांधी था। गांधी जी महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे। एक साधारण से परिवार में जन्में महात्मा गांधी अपने विचारों के जरिए दुनियाभर में महान हो गए। उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। आइए जानते हैं, बापू के उन अनमोल विचारों के बारे में, जिनका हमें अनुसरण करना चाहिए।

व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।

-महात्मा गांधी

कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है। क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है।

-महात्मा गांधी

ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है। यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।

-महात्मा गांधी

धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है।

-महात्मा गांधी

गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में।

-महात्मा गांधी

हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा।

-महात्मा गांधी

किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं।

-महात्मा गांधी

कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है।

-महात्मा गांधी

आप जो करते हैं वह नगण्य होगा। लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है।

-महात्मा गांधी

देश में दो अक्तूबर का दिन बहुत ही अहम माना जाता है। साल 1869 में गुजरात के पोरबंदर में करमचंद गांधी और पुतलीबाई के घर मोहनदास का जन्म हुआ, जो आगे चलकर अपने व्यक्तित्व, कृत्य और आदर्शों के जरिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहलाए। सत्य और अहिंसा के इस पुजारी को देश ने बापू कहकर पुकारा।

देश की आजादी में उनके अतुल्य योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा- ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ में अपने जीवन के लगभग सारे अहम पहलुओं और घटनाओं के बारे में लिखा है। हमें एक बार उनकी आत्मकथा जरूर पढ़नी चाहिए।

 

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