भाजपा विधायक महेश नेगी पर आरोप लगाने वाली महिला की गिरफ्तारी पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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द्वाराहाट के भाजपा विधायक महेश नेगी पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाने वाली महिला की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को 14 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने महिला से भी कहा कि वह मामले की जांच में सहयोग करे।

न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पीड़िता और उसके दो अन्य सगे-संबंधियों ने याचिका दायर कर उनके खिलाफ देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में नौ अगस्त को दर्ज एफआईआर को निरस्त करने और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि देहरादून पुलिस ने उनकी शिकायत तो दर्ज नहीं की लेकिन दबाव में आकर विधायक की पत्नी की तहरीर पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।  वहीं, पैरवी के दौरान विधायक की पत्नी के अधिवक्ता ने कहा कि महिला की बच्ची का जो डीएनए टेस्ट कराया गया है, उसकी रिपोर्ट फर्जी है।
पीड़िता बोली-बच्ची को अधिकार दिलाने के लिए लड़ रही हूं
विधायक पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि वह सिर्फ अपनी बच्ची को उसका अधिकार दिलाने के लिए लड़ रही है। उसका कहना है कि विधायक की पत्नी ने मामला रफा-दफा करने के लिए उसे रुपयों की पेशकश की थी।

महिला का कहना था कि जब उसकी शादी किसी अन्य व्यक्ति से हो गई और उसकी बेटी हुई तो पति ने शक के आधार पर बेटी का डीएनए टेस्ट करवाया था, जिसका उसके पति से मिलान नहीं हुआ। इसके बाद उसके पति ने भी उसे छोड़ दिया।

महिला का कहना है कि विधायक उसे पत्नी का दर्जा तो नहीं दे सकते, लेकिन उसकी तीन माह की बेटी को सभी अधिकार मिलने चाहिए। पीड़िता ने अदालत से उसकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने और विधायक का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश पारित करने की मांग की है।

विधायक की पत्नी ने महिला पर लगाया था पांच करोड़ मांगने का आरोप

विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता ने एफआईआर में कहा था कि पीड़िता ने उसे फोन कर धमकाया था कि वह विधायक महेश नेगी की बच्ची की मां है। अगर उन्होंने उसे पांच करोड़ रुपये नहीं दिए तो वह महेश नेगी का राजनीतिक कैरियर बर्बाद करने के साथ परिवार को बदनाम कर देगी।

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