मणिपुर : ड्रग माफिया को छुड़ाने के लिए खुद सीएम ने बनाया दबाव, मणिपुर में महिला पुलिस अधिकारी का बड़ा आरोप

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मणिपुर में पुलिस अफसर थौनाओजम बृंदा ने मणिपुर हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल पर सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर एक बड़ा आरोप लगाया है। बृंदा ने अपने हलफनामे में कहा है कि उन पर गिरफ्तार ड्रग माफिया लुहखोसेई जोउ को छोड़ने के लिए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तरफ से दबाव डाला गया।

अपने हलफनामे में बृंदा ने बताया कि उन्हें जोउ को छोड़ने का दबाव बनाया गया और उसके खिलाफ दायर कोर्ट में दायर चार्जशीट को हटाने को कहा गया। बृंदा ने 19 जून, 2018 को ड्रग माफिया को 28 करोड़ रुपये की ड्रग और नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। वहीं, महिला पुलिस अधिकारी द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री सिंह का कहना है कि फिलहाल मामला अदालत में है, इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
अदालत ने 21 मई को ड्रग माफिया जोउ की अंतरिम जमानत को मंजूरी दे दी, इस पर महिला पुलिस अधिकारी भड़क गईं और उन्होंने एनडीपीएस अदालत के फैसले की फेसबुक पर आलोचना की थी। इस संबंध में अदालत ने उन पर अवमानना का मामला दर्ज किया है। वहीं, इसके बाद बृंदा ने मणिपुर हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए। विवाद बढ़ने पर नारकोटिक्स विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहीं बृंदा का तबादला कर उन्हें मुख्यालय भेज दिया गया। फिलहाल उन्हें नया प्रभार नहीं सौंपा गया है।
जोउ की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता असनीकुमार का आया फोन
हलफनामे में बृंदा ने लिखा कि ड्रग माफिया के खिलाफ 19 जून, 2018 को अभियान चलाया गया। टीम को आरोपी के पास से 4.595 किलो हेरोइन, 2.80 लाख नशीली टैबलेट और 57.18 लाख रुपये नकदी बरामद हुई। इसके अलावा 95 हजार के पुराने नोट भी मिले। साथ ही कुछ आपत्तिजनक सामग्रियां भी बरामद की गईं।

बृंदा ने बताया कि इन सब चीजों को बरामद करने के तुरंत बाद ही मुझे राज्य भाजपा उपाध्यक्ष एम. असनीकुमार का व्हाट्सएप कॉल आया। उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री से बात करने को कहा। मैंने सीएम को बताया कि हम चांदेल के स्वायत्तशासी जिला परिषद सदस्य लुहखोसेई जोउ के घर दबिश डाल रहे हैं और हमें संदेह है कि उसने यहां ड्रग्स छुपा रखा है।

हलफनामे में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने उस दौरान फोन पर तारीफ करते हुए कहा कि उसके यहां ड्रग्स मिलती है तो उसे गिरफ्तार करो। इसमें कहा गया कि कार्रवाई के अगले दिन भाजपा नेता असनीकुमार मेरे घर आए और कहा कि गिरफ्तार परिषद सदस्य सीएम की पत्नी ओलिस का राइट हैंड है।

असनीकुमार ने कहा कि सीएम की पत्नी ड्रग माफिया की गिरफ्तारी से खासा नाराज हैं। सीएम ने कहा है कि जोउ की जगह उसकी पत्नी या बेटे को गिरफ्तार किया जाए और उसे छोड़ दिया जाए। हलफनामे में बृंदा ने कहा कि मैंने भाजपा नेता से बताया कि ड्रग्स जोउ के घर से बरामद हुए हैं, ना कि उसकी पत्नी या बेटे के, इसलिए उसे छोड़ा नहीं जा सकता है। असनीकुमार दूसरी बार भी मुझसे मिलने आए और ड्रग माफिया को छोड़ने का दबाव डाला।
सीएम ने घर बुलाकर लगाई फटकार
हलफनामे में कहा गया कि इसके बाद, अगले दिन इंफाल वेस्ट के तत्कालीन एसपी थमथिंग असनीकुमार के साथ मेरे घर पहुंचे और उन्होंने इस मामले पर चर्चा की। मैंने उन्हें कहा कि जोउ को छोड़ना नामुमकिन है। 14 दिसंबर को नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बार्डर ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने फोन करके कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सुबह 11 बजे एक बैठक बुलाई है।

उन्होंने आगे कहा-मैं जब बैठक में पहुंची, तो डीजीपी ने कहा कि सीएम चाहते हैं कि इस मामले की चार्जशीट को कोर्ट से वापस लिया जाए। मेरे मना करने पर उन्होंने इस मामले के जांच अधिकारी को अदालत भेजकर चार्जशीट मंगवानी चाही, लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया। अगले दिन मुख्यमंत्री ने मुझे और अन्य पुलिस कर्मियों को अपने बंगले पर बुलाया। यहां सीएम ने मुझे डांटते हुए कहा कि क्या इसलिए तुम्हें वीरता पदक दिया है। उन्होंने मुझसे कहा कि आधिकारिक गोपनीयता नाम की भी कोई चीज होती है। बृंदा ने कहा कि अभी तक मुझे यह नहीं समझ आ रहा है कि मुझे अपने विधिपूर्वक कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए फटकार क्यों लगाई गई।

 

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