सुप्रीम कोर्ट ने कहा, विकास दुबे की मौत की जांच के लिए पैनल गठन पर विचार

0

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की अपनी निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ों के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दायर करेगी।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने कहा कि वह विकास दुबे व उसके साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने और आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक पैनल के गठन पर विचार कर सकता है। वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को की जाएगी।

बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। इन याचिकाओं में एक विकास दुबे के एनकाउंटर से कुछ घंटों पहले ही ई मेल के जरिए दाखिल की गई थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में न्यायिक आयोग बनाने की याचिका खारिज कर दी
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गैंगेस्टर विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने की याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति केएस पवार ने सोमवार को यह फैसला एक स्थानीय वकील की जनहित याचिका पर, याची की ओर से इसे वापस लेने के आधार पर सुनाया।

प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने कहा कि सरकार ने पहले ही हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल का न्यायिक आयोग गठित कर दिया है। एसआईटी प्रकरण की जांच कर रही है।

ऐसे में याचिका महत्वहीन और खारिज करने लायक है। उन्होंने इससे संबंधित सरकार की अधिसूचना भी पेश की, जिसका कोर्ट ने अवलोकन किया। इस पर याची नंदिता भारती ने याचिका को यह कहते हुए वापस लेने की गुजारिश की कि उसे नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने याचिका खारिज कर भविष्य में जरूरत पड़ने पर नई पीआईएल दाखिल करने को कहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed